रांची। भारत सरकार के गृह सचिव द्वारा वामपंथी उग्रवाद के उन्मूलन की दिशा में झारखण्ड राज्य के प्रशासनिक एवं पुलिस पदाधिकारियों द्वारा किये गये कार्यों की सराहना की गयी है। महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक, झारखण्ड के नेतृत्व में नक्सलियों के विरूद्ध चौतरफा संयुक्त अभियान झारखण्ड पुलिस, सीआरपीएफ, कोबरा, झारखण्ड जगुआर के साथ चलाया जा रहा है।
वर्ष 2022 एवं 2023 में झारखण्ड पुलिस को मिली सफलता :
वर्ष 2022-2023 में सुरक्षा बलों द्वारा कुल 745 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया जिसमें 03-स्पेशल एरिया कमेटी के सदस्य, 01 रिजनल कमिटी के सदस्य, 10-जोनल कमाण्डर, 16 सब जोनल कमाण्डर एवं 25-एरिया कमाण्डर शामिल थे।
पुलिस मुठभेड़ में 20 नक्सली मारे गये, जिसमें भाकपा माओवादी के 25 लाख के इनामी नक्सली सैक सदस्य गौतम पासवान एवं सैक सदस्य अजीत उराँव तथा 05 लाख के इनामी नक्सली सब जोनल कमाण्डर अमर गंझू एवं सब जोनल कमाण्डर अजय यादव (कुल-60 लाख के इनामी माओवादी एक साथ पुलिस मुठभेड़ में मारे गये), इसके अतिरिक्त नक्सली सब जोनल कमाण्डर लाजिम अंसारी (05 लाख इनामी) पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। वर्ष 2022-23 में 38 नक्सलियों ने पुलिस के बढ़ते दबिश एवं राज्य सरकार की पुनर्वास एवं आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया है, जिसमें स्पेशल एरिया कमिटी सदस्य 01 (विमल यादव), रिजनल कमिटी सदस्य 03 (अमन गंझू, दुर्योधन महतो, इंदल गंझू), जोनल कमाण्डर 04, सब जोनल कमाण्डर 09 एवं एरिया कमाण्डर 10 शामिल है। उक्त अवधि में सुरक्षा बलों द्वारा नक्सलियों से लेवी के रूप में वसूले गये 01 करोड़ 10 लाख एकहत्तर हजार रूपये भी बरामद किये गये। साथ ही अंदरूनी इलाकों में सुरक्षा बलों द्वारा इस अवधि में कुल 26 नये कैम्प स्थापित किये गये, जिससे इस इलाकों में सुरक्षा की भावना बढ़ी है।
राज्य के पश्चिमी भाग में विगत पाँच वर्षो में सबसे बड़ी सफलता:
राज्य के लगभग सभी इलाको में नक्सलियों पर काबू पा लिया गया है। अब इनकी गतिविधि केवल कोल्हान में सीमित रह गई है। ज्ञात हो कि अप्रैल माह-2023 में पुलिस मुठभेड़ में पाँच शीर्ष माओवादी मारे गये। विगत पाँच वर्षों में इस प्रकार की यह पहली घटना है, जहाँ पाँच माओवादी एक साथ पुलिस मुठभेड़ में मारे गये। इस घटना ने नक्सल कैडर को पूरी तरह से हतोत्साहित कर दिया, जो चकरबंधा से आकर इस इलाके में शरण लिऐ हुये थे। भाकपा (माओवादी) संगठन को पारसनाथ के पहाड़ी इलाकों (गिरिडीह) एवं लुगु-झुमरा पहाड़ी क्षेत्र (बोकारो, हजारीबाग) में शीर्ष उग्रवादी नेताओं की गिरफ्तारी एवं आत्मसमर्पण से बड़ा झटका लगा है।
भाकपा (माओवादी) के आखिरी गढ़ कोल्हान में सुरक्षा बलों का संयुक्त अभियान जारी:
कोल्हान में सुरक्षा बलों द्वारा सुरक्षा घेरे के दायरे को नये कैंप के स्थापना से बढ़ाया गया है। नक्सलियों द्वारा लगाये गये लैंड माइंस से अत्याधिक खतरे के कारण सुरक्षा बलों के साथ ग्रामीणों को भी नुकसान पहुँचा है। भाकपा (माओवादी) संगठन का लड़ाकू दस्ता कोल्हान जंगली क्षेत्रों में एकत्रित है, जो अब इनका एकमात्र शरण स्थली रह गया है। राज्य में नक्सलियों के विरूद्ध निरंतर अभियान चलाना और अंतिम माओवादी गढ कोल्हान क्षेत्र को नक्सलियों से मुक्त कराना अहम लक्ष्य रह गया है, जिस दिशा में झारखण्ड पुलिस एवं केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बल अग्रसर है। साथ ही सुरक्षा बलों द्वारा यह भी प्रयास जारी है कि उग्रवादी संगठन पुनः किसी भी क्षेत्र में क्रियाशील न हो पायें।
राज्य के अन्य उग्रवादी संगठनों पर भी प्रभावी कार्रवाई, गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान पर जो:
राज्य में क्रियाशील अन्य उग्रवादी संगठनों पर भी प्रभावी कार्रवाई की गयी है और परिणामस्वरूप पीएलएफआई का सुप्रीमो दिनेश गोप उर्फ कुलदीप की गिरफ्तारी भी एनआईए के द्वारा की जा चुकी है।
नक्सली काण्डों में तार्किक निष्कर्ष पर पहुँचने के लिए गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान एवं यूएपीए के तहत नक्सलियों के खिलाफ समयवद्ध तरीके से अभियोजन चलाने सहित यह भी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है कि आत्मसमर्पित नक्सली पुनः अपने संगठन में नहीं लौट सके।
उक्त आशय के संबंध में गृह सचिव, भारत सरकार द्वारा झारखण्ड राज्य के प्रशासनिक एवं पुलिस पदाधिकारियों के प्रयासों की सराहना की गई है। भारी मात्रा में हथियार और गोलियां आदि बरामद किया गया है।