डॉक्टरों की हड़ताल खत्म हो चुकी है। मारपीट के आरोपी की गिरफ्तारी के बाद यह हड़ताल खत्म किया गया है। बता दें कि आज से राज्य के सभी सरकारी और गैरसरकारी डॉक्टर हड़ताल पर थे। केवल इमरजेंसी सेवाएं जारी थीं। जमशेदपुर में एमजीएम अस्पताल के डॉक्टर के साथ मारपीट के विरोध में डॉक्टर कार्य बहिष्कार कर रहे थे। बता दें कि सुबह 6 बजे से ही राज्य भर के 15 हजार से ज्यादा डॉक्टरों का हड़ताल जारी था। डॉक्टर एमजीएम जमशेदपुर के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ कमलेश उरांव के साथ हुई मारपीट की घटना का विरोध कर रहे थे। साथ ही मेडिकल सेवाएं बंद थी, केवल इमरजेंसी सेवाएं ही खुली थी। लेकिन हड़ताल वापस लेने के बाद अब फिर से ओपीडी सेवाएं शुरू हो गई है। इसकी घोषणा IMA सचिव प्रदीप सिंह ने की।
क्या है मामला
दरअसल जमशेदपुर के महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल काॉलेज अस्पताल के पीजी छात्र डॉ. कमलेश उरांव से हुई मारपीट को आईएमए ने गंभीरता से लिया था। प्रदेश आईएमए के सचिव डॉ. प्रदीप सिंह ने कहा था कि लगातार डॉक्टरों के साथ हो रही मारपीट की घटना अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा था कि मारपीट करने वाले अपराधियों को अगर पुलिस प्रशासन 21 सितंबर तक गिरफ्तार नहीं करती है, तो 22 सितंबर से झारखंड भर के 15000 से अधिक डॉक्टर चिकित्सीय सेवा ठप कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। सिर्फ इमरजेंसी सेवा बहाल रहेगी। इस पूरे आंदोलन में आईएमए के साथ झारखंड राज्य स्वास्थ्य सेवा संघ (झासा), जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन सहित निजी डॉक्टरों का समर्थन प्राप्त था। हालांकि अब गिरफ्तारी हो गई है इसलिए हड़ताल खत्म हो गया है।
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