लैंड स्कैम मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने चौथी बार समन भेजा है। जानकारी के मुताबिक 23 सितंबर को सीएम को पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर बुलाया गया है। गौरतलब है कि जमीन घोटाले में पूछताछ के लिए पहली बार 14 अगस्त को एजेंसी के दफ्तर आने के लिए सीएम हेमंत सोरेन को नोटिस भेजा गया था। लेकिन सीएम ने एक भारी भरकम पत्र लिखकर एजेंसी के दफ्तर जाने से साफ मना कर दिया था। सीएम ने पत्र के जरिए वक्त की मांग नहीं की थी बल्कि पत्र में कानून की शरण में जाने की बात कही थी। इसके बाद 24 अगस्त को ईडी ने दोबारा समन किया था, उस दिन दिनभर मुख्यमंत्री का इंतजार किया गया था। लेकिन, वह नहीं पहुंचे थे। बल्कि उन्होंने एक चिट्ठी ईडी ऑफिस भिजवा दिया था कि वह समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा चुके हैं। अब कोर्ट का जो फैसला होगा, उसके अनुसार ही वे अगला कदम उठायेंगे। इसके बाद 9 सितंबर को उनको पूछताछ के लिए उनको ईडी दफ्तार बुलाया गया लेकिन उस दिन वह राष्ट्रपति के डिनर में शामिल होने दिल्ली चले गये थे और एक शख्स को ईडी ऑफिस भेजकर सूचना पहुंचवा दिया था। बता दें कि हेमंत सोरेन सुप्रीम कोर्ट की शरण में चले गये हैं। जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। 15 सितंबर को ही सुनवाई होनी थी लेकिन उनके वकील की तबीयत खराब हो गयी थी इस कारण सुनवाई टल गई। अगली सुनवाई कल यानि 18 सितंबर को होनी है।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है याचिका
मालूम हो कि जमीन घोटाला मामले को लेकर ईडी के समन के खिलाफ सीएम ने रिट पिटीशन दिया है। जिसमें ईडी के अधिकार को सीएम ने चुनौती दी। याचिका में केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय और ईडी को प्रतिवादी बनाया गया है। वहीं ईडी के वकील मुकेश कुमार मरोरी ने कैविएट फाइल कर दिया है। मालूम हो कि हेमंत सोरेन ने बीते 23 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में रिट पीटिशन दायर किया था। सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर पहुंचे सीएम हेमंत की ओर से ईडी के समन को चुनौती देनेवाली याचिका में कहा गया है कि ईडी को पूछताछ के दौरान ही किसी को गिरफ्तार करने का अधिकार है। इसलिए पूछताछ के लिए जारी किये गये समन के मद्देनजर हमेशा गिरफ्तारी का डर बना रहता है। सीएम हेमंत सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जो रिट पिटीशन दायर किया गया है, उसमें उन्होंने पीएमएलए की धारा-50 और 63 को चुनौती दी है। सीएम हेमंत सोरेन ने अपनी याचिका में ED द्वारा उन्हें समन कर बुलाया जाने को गलत बताया है।
पहले भी कर चुके सामना
मालूम हो कि झारखंड में अवैध खनन को लेकर भी सीएम से पूछताछ हो चुकी है। बीते साल 17 नवंबर 2022 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ईडी के सवालों का सामना कर चुके हैं। उस दिन उनसे करीब 9 घंटे तक पूछताछ चली थी। हालांकि राज्य सरकार द्वारा लगातार एजेंसी पर राजनीतिक आकाओं के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया जाता रहा है। साथ ही राजनीतिक टूल की तरह एजेंसी के इस्तेमाल की बात हमेशा से कही जाती रही है।
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