9 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से आयोजित डिनर में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी निमंत्रण मिला है। बुधवार को कैबिनेट की बैठक खत्म होने के बाद जब सीएम से पूछा गया कि वह इसमें शामिल होंगे या नहीं तो मुख्यमंत्री ने कहा जी-20 के संदर्भ में राष्ट्रपति ने सभी मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया है। मुझे भी आमंत्रण मिला है। सभी शिड्यूलों को देखने के बाद ही फैसला करूंगा कि मुझे जाना है या नहीं। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यह बैठक, अन्य बैठकों से बिल्कुल अलग है, इसलिए कुछ सकारात्मक फैसला लूंगा। अब ऐसे में सवाल है कि 9 सिंतबर को ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बुलाया है तो वह वहां जाएंगे या नहीं। प्रोजेक्ट भवन से निकलने के दौरान जब इस पर उनसे सवाल किया गया तो कहने लगे न्यूज सप्लाई करनेवालों से पूछें, वे बेहतर बतायेंगे कि क्या होगा। ‘इंडिया’ और ‘भारत’ के नाम के बीच छिड़ी नई बहस पर वह बोले कि इस पर तो समझ नहीं आ रहा है कि क्या बोलूं। कहीं फिर से नोटबंदी के नये षड्यंत्र की तैयारी तो नहीं चल रही है? क्योंकि, नाम बदलने से नोट भी बदलना पड़ेगा। नाम रखने, न रखने को लेकर भी इतनी बहस हो, यह हास्यास्पद लगता है। इन बातों की न तो कोई शुरुआत है और न ही अंत में भी चर्चा सुन रहा हूं। अब तो चांद पर जा चुके हैं. ऐसे निर्णयों से कहां जायेंगे, यह तो समय बतायेगा।
किन्नरों को थर्ड जेंडर घोषित
बता दें कि हेमंत कैबिनेट की बैठक में किन्नरों को थर्ड जेंडर घोषित किया गया है। अगर वह अनारक्षित श्रेणी से हैं, तो उनको पिछड़े वर्ग की सूची दो में रिक्त स्थान 46 में शामिल करने की मंजूरी दी गयी है। इससे किन्नरों को पिछड़ा वर्ग में आरक्षण देने का रास्ता साफ हो गया है। नियुक्तियों में इन्हें आरक्षण का लाभ मिलेगा। राज्य में OBC को 14% आरक्षण दिया जा रहा है। किन्नरों को इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री राज्य सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत पेंशन दिया जायेगा। उनको प्रतिमाह 1000 रुपये दिया जायेगा। वहीं कैबिनेट ने रेबिज को अधिसूचित रोग घोषित करने का भी फैसला लिया है। राज्य के खनिज क्षेत्र में जलापूर्ति हेतु गोविंदपुर-निरसा के लिए पुनरीक्षित प्राक्कलन 3।5 करोड़ की स्वीकृति देने का निर्णय भी दिया है। निरसा में ही जलापूर्ति योजना के लिए फिलहाल 27 करोड़ का फंड दिया गया है। एचईसी एरिया में 10.71 करोड़ की अदायगी पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ऑफिस के लिए 1.498 एकड़ भूमि देने को मंजूरी दी गयी है।
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