November 24, 2024

शारिब खान

उड़ीसा के बालासोर जिले में 2 जून को हुए देश के तीसरा सबसे बड़ा ट्रेन दुर्घटना में करीब 300 लोगों की जान चली गई और सैकड़ों घायल हुए थे। इस ट्रेन दुर्घटना के बाद केंद्र सरकार की काफी फजीहत भी हुई। केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए विपक्ष ने रेल मंत्री से इस्तीफे की मांग की। इस रेल दुर्घटना की जांच का जिम्मा सरकार ने सीबीआई को दे दिया गया। सीबीआई इस दुर्घटना की जांच कर भी रही है। बालासोर ट्रेन दुर्घटना के नाम पर कुछ सरारती तत्वों द्वारा माहौल बिगाड़ने की कोशिश सोशल मीडिया के माध्यम से की गई। दुर्घटना के बाद यह अफवाह फैलाया गया कि दुर्घटनास्थल के पास एक मस्जिद है। इसके बाद सोशल मीडिया में एक और खबर वायरल हुआ कि बालासोर का स्टेशन मास्टर मुस्लिम है और वह फरार है। ओडिशा पुलिस ने वायरल फोटो के साथ किए जा रहे दावे का जांचोपरांत खंडन किया। पुलिस का कहना है कि यह देखने में आया है कि कुछ लोग शरारती तरीके से बालासोर में हुए दर्दनाक ट्रेन हादसे को सोशल मीडिया के माध्यम से सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।ओडिशा पुलिस ने कहा कि जीआरपी ओडिशा दुर्घटना के कारणों और अन्य सभी पहलुओं की जांच कर रही है।पुलिस ने अपील किया है कि इस तरह के झूठे और दुर्भावनापूर्ण पोस्ट शेयर ना करें। अफवाह फैलाकर साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। स्टेशन मास्टर के मुस्लिम होने के दावे की भी पड़ताल की गई। ध्यान देने वाली बात यह है कि स्टेशन मास्टर का नाम सरीफ खान नहीं बल्कि एसबी मोहंते है। स्पष्ट है कि सोशल मीडिया पर वायरल फोटो के साथ किया जा रहा दावा पूरी तरह गलत और बेबुनियाद है। वहीं, स्टेशन मास्टर के मुस्लिम समुदाय के होने का दावा भी गलत है। दुर्घटनास्थल पर मस्जिद होने का भी कोई प्रमाण पुलिस को नहीं मिला। अब एक नया प्रोपगेंडा फैलाया गया कि जेई आमिर खान है,जो घर से लापता है। और उसके घर को सील कर लिया गया है। इस तरह के गलत खबर को खंडन करने के लिए रेल प्रशासन को आगे आना पड़ा। रेलवे की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया कि यह महज अफवाह उड़ाई गई है। हकीकत ऐसा कुछ भी नहीं है। इस पूरे मामले को लेकर दक्षिण पूर्व रेलवे के सीपीआरओ आदित्य कुमार चौधरी ने जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में खबर आ रही हैं कि बहनगा का एक कर्मचारी फरार और लापता है। यह तथ्यात्मक रूप से गलत है। पूरा स्टाफ मौजूद है और पूछताछ के लिए जांच एजेंसी सीबीआई के सामने पेश हो रहा है। इस पूरे मामले को देखने से स्पष्ट होता है की बालासोर रेल दुर्घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है। लेकिन रेल और स्थानीय प्रशासन इस मामले में पूरी तरह सजग दिख रहा है। सीबीआई भी अपने तरीके से जांच को आगे बढ़ा रही है। इस मामले को सोशल मीडिया के माध्यम से सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश करने वाले तत्वों की पहचान कर उन्हें सख्त कानूनी सजा दिए जाने की जरूरत है। ताकि भविष्य में इस तरह का हरकत करने से वे बाज आ सकें।

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