लोहरदगा पिछड़ी जाति संघर्ष समिति के सदस्य एवं चेंबर ऑफ कॉमर्स अध्यक्ष रितेश कुमार ने विज्ञप्ति जारी करते हुए उन्होंने कहा कि झारखण्ड की 30% आबादी के साथ झारखण्ड सरकार फुट डालो राज करो की रणनीति पर काम कर रही है। झारखण्ड राज्य के 24 जिलों में से 17 जिलों के पिछड़ी जाति को आरक्षण दे दिया गया परन्तु बाकि के सात जिलों में रह रहे पिछड़ी जाति वर्ग का आरक्षण शून्य कर इनका अधिकार छिन्न लिया गया तथा आरक्षण से वंचित कर दिया गया। इस प्रकार राज्य के जिलों में आरक्षण पर राजनीति कर जिलों को दो भाग में बांट दिया गया है ताकि झारखण्ड सरकार के इस गलत फैसले पर राज्य का पिछड़ी जाति के लोग दो भागों में बंट जाय और सरकार का विरोध करने वाले कमज़ोर पड़ जाय। परन्तु झारखण्ड सरकार को यह समझना चाहिए कि सम्पूर्ण राज्य के पिछड़ी जाति वर्ग के लोग आज भी एकजुट है और उनकी यह फुट डालो और राज करो कि नीति को सफल नहीं होने देंगे और जबतक पूरे राज्य में आरक्षण को लेकर एकनीति लागू नही होती पिछड़ी जाति संघर्ष मोर्चा सरकार के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ाई लड़ेगी। अभी आरक्षण विहीन झारखण्ड के सात जिलों के लोग एकजुटता से लड़ाई लड़ने को आगे आ चुका हैं जबकि आनेवाली समय मे सम्पूर्ण राज्य के लोगों का भी समर्थन प्राप्त किया जायेगा और ज़रूरत पड़ी तो आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनाव में भी इसका पूरा पुरा असर देखने को भी मिलेगा। हम पिछड़ी जाति के लोग सरकार को आरक्षण में किये गये धोखा का पूरी ताकत के साथ जवाब देंगे और इसका असर झारखण्ड के सभी जिलों में पड़े इस संदर्भ में पूरी तैयारी करने हेतु भी भविष्य की रणनीति पर पिछड़ी जति संघर्ष समिति का पूरा कोर ग्रुप कार्य करेगी। जबतक सरकार पिछड़ी जाति संघर्ष मोर्चा का मांग अनुसार सातों ज़िला में पिछड़ी जाति हेतु आरक्षण लागू नही करता है, सरकार से निरन्तर लड़ाई लड़ी जायेगी। इसी संघर्ष को आगे बढ़ाते हुए 26 मई को सातो ज़िला बंद रखने का आह्वाहन किया गया है, उससे पूर्व आगामी 25 मई को सभी सात जिलों में मशाल जुलूस निकाली जायेगी। तथा 26 मई को आरक्षण विहीन सातो ज़िलासम्पूर्ण बंद रहेगी,जिसमे सभी तरह के आवागमन को ठप करने तथा प्रतिष्ठानों को (स्वास्थ्य, अखबार, मेडिकल व आपातकालीन सेवा को छोड़कर) बंद रखने का आह्वाहन किया गया है। ज्ञातव्य हो कि झारखण्ड के सात जिलों लोहरदगा, खूंटी, सिमडेगा, गुमला, दुमका, लातेहार, चाईबासा में पिछड़ी जाति को 27% आरक्षण लागू करने के स्थान पर आरक्षण को शुन्य कर दिया गया है, जो कि झारखण्ड राज्य के 30% आबादी के साथ वादाखिलाफी एवं धोखा है।
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