भीषण गर्मी में चापानल बोरिंग से पानी की जगह निकल रहा है आग की लपटें, ग्रामीणों को आ पड़ी है पेयजल की समस्या
गांव के दो अन्य चापाकल बोरिंग से भी गैस का रिसाव होने का ग्रामीणों का दावा
जनप्रतिनिधि और पीएचडी विभाग के उदासीन रवैया के कारण ग्रामीणों में आक्रोश
हजारीबाग। बड़कागांव प्रखंड में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है। तापमान 43 डिग्री तक पहुंच गया है। तेज धूप और गर्मी के कारण जलाशय सुख गए हैं। बड़कागांव प्रखंड के पूर्वी पंचायत अंतर्गत भगवानबगी गांव में अजीब मामला प्रकाश में आया है।
भीषण गर्मी में पानी की जगह चापानल बोरिंग से आग की लपटें निकल रही है। चापानल बोरिंग से पानी की जगह आग निकलने के कारण ग्रामीणों को पानी की किल्लत आ पड़ी है।
यह गांव बड़कागांव-हजारीबाग मुख्य पथ के एनटीपीसी साइड कार्यालय से चंदौल-महुगाई मार्ग पर लगभग 1.500 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सालो पहले बोरिंग कर चापानल लगाया गया था। बाद में उसी नल से पंचायत के 14वें वित्त योजना से सोलर जल मीनार बगल में लगाकर ग्रामीणों को पेयजल आपूर्ति शुरू की गई थी। ग्रामीणों के अनुसार लगभग 6 माह से उस बोरिंग से गैस का रिसाव होने लगा। गैस के रिसाव इतनी तेज है कि उस पर आग की लपेटे निकलने लगी। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है आग की लपटें भी तेज हो रही है। गैस रिसाव शुरू होते ही बोरिंग से पानी निकलना बंद हो गया जिसके कारण सोलर जल मीनार भी बंद पड़ा हुआ है।
अब आसपास के ग्रामीणों को इस कड़कड़ाती धूप में पानी की काफी किल्लत हो रही है। इस संबंध में जानकारों की माने तो नीचे जमीन के अंदर से मिथेन गैस के रिसाव होने से उसमें आग लग जाता है। आग की लपटें इतनी तेज होती है कि आसपास के लोग रात को देखने के लिए पहुंच जाते हैं। ग्रामीणों द्वारा पंचायत के मुखिया एवं पीएचडी विभाग के अभियंता एवं अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई है लेकिन किसी प्रकार की कोई पहल नहीं की जा रही है जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। ग्रामीणों ने बताया कि उक्त बोरिंग के अलावा गांव के अन्य दो बोरिंग में भी आंशिक रूप से गैस के रिसाव होने से आग निकलती है। हालांकि उन दोनों बोरिंग से पानी निकलना बंद नहीं हुआ है।
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