जीएमएल ने अपनी ही कंपनी का ठप करा दिया था ट्रांसपोर्टेशन।

8-9 मई को एनटीपीसी के कोल माइंस में हुआ था हंगामा।

हंगामा में ऋत्विक कंपनी के जीएमएल भास्कर सिंह पर षड्यंत्र करने का लगा आरोप।

जीएमएल से एटीएस ने तीन बार की पूछताछ, जिला पुलिस भी ले रही जानकारी।

समशाद अंसारी संवाददाता

केरेडारी (हजारीबाग)। एनटीपीसी की आउटसोर्सिंग कंपनी ऋत्विक द्वारा अपराधियों को संरक्षण देने के साथ उनकी मदद से कोल ट्रांसपोर्टेशन में खलल डाला जा रहा है.पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि ऋत्विक कंपनी के जीएमएल भास्कर सिंह ने अपनी ही कंपनी में अपराधियों की मदद से दहशत फैलाने का काम किया है. मकसद कोयला ट्रांसपोर्टेशन पर एकाधिकार जमाना बताया जा रहा है. एनटीपीसी के अधीन ऋत्विक कंपनी कोल ट्रांसपोर्टेशन करती है. ट्रांसपोर्टिंग का टेंडर लेने के लिए कंपनी में ही हंगामा कराया गया. हजारीबाग एसपी मनोज रतन चौथे ने बताया कि ऋत्विक कंपनी के जीएमएल भास्कर सिंह के निर्देश पर षड्यंत्र के तहत 8-9 मई की रात प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. केरेडारी थाना क्षेत्र के चट्टी बरियातू कोल माइंस में एक सफेद स्कॉर्पियो पर सवार छह अज्ञात अपराधियों ने ऋत्विक कंपनी में ट्रांसपोर्टेशन का कार्य कर रही कंपनी के वाहन चालकों को डरा-धमका कर ट्रांसपोर्टेशन कार्य को बाधित करा दिया था. इसे लेकर केरेडारी थाना में एफआईआर (कांड संख्या 116/23) दर्ज हुई थी. हजारीबाग एसपी ने बड़कागांव एसडीपीओ अमित कुमार सिंह के नेतृत्व में विशेष दल का गठन किया था. मामले को लेकर सभी छह संदिग्ध अपराधियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, तो खुलासा हुआ कि आरोपियों ने प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर की गोली मार कर हत्या कर दी थी.

रामचंद्र सोनी उर्फ रामा सोनी के खुलासे से कंपनी में खलबली।

हिरासत में लिए गए आरोपी रामचंद्र सोनी उर्फ रामा सोनी ने खुलासा किया कि ऋत्विक कंपनी के जीएमएल भास्कर सिंह के निर्देश पर षड्यंत्र कर घटना को अंजाम दिया गया था. तकनीकी शाखा के माध्यम से भी भास्कर सिंह की इस घटना में संलिप्तता की पुष्टि हुई है. इस खुलासे के बाद एनटीपीसी और ऋत्विक कंपनी में खलबली मच गई है. वहीं हजारीबाग पुलिस ने इस मामले को लेकर विशेष तहकीकात भी शुरू कर दी है.

कई बिन्दुओं पर उठ रहे सवाल।

जीएमएल भास्कर सिंह ने आखिर किसके इशारे पर घटना को अंजाम दिलाया.भास्कर ऋत्विक कंपनी में नौकरी करते हैं, तो उन्होंने अपराधियों की मदद क्यों ली.अपराधियों को माइनिंग कंपनी ही क्यों खुद संरक्षण दे रही है.आए दिन अपराधियों द्वारा धमकी देने की बात सामने आती रही है.
पीएनएम कंपनी बड़कागांव में कोल ट्रांसपोर्टेशन का काम कर रही है.कंपनी रांची के एक व्यवसायी की है, जिसे हटाने के लिए षड्यंत्र रचा गया है.

प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर हत्याकांड में जीएमएल पर घूम रही शक की सूई।

इन आरोपियों की गिरफ्तारी

रामचंद्र सोनी, विवेक कुमार सोनी, संजय राणा, आदित्य सोनी, मो. शहजाद और मो. शमशेर आलम शामिल है।

पकड़े गए आरोपियों की खंगाली जा रही कुंडली।

विवेक कुमार सोनी उर्फ विवेक वर्मा का आपराधिक इतिहास रहा है. उस पर बड़कागांव कांड संख्या 139/13 के तहत धारा : 341, 323, 325, 34, कांड संख्या 82/19 के तहत धारा :302/12बी/34आर्म एक्ट बड़कागांव कांड संख्या 42/20 धारा : 302/34 एवं 27आर्म एक्ट, कांड संख्या 196/20 के तहत धारा : 386, 406, 419, 420, कांड संख्या 214/ 20 धारा : 386,387,120बी और कांड संख्या 2/21 के तहत धारा : 385, 386 और 387 दर्ज हैं.

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