November 23, 2024

रांची। लंबे समय से चर्चा में रहने वाले सिल्ली के पूर्व विधायक अमित कुमार महतो को झारखंड हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। राहत मिलने के बाद यह अटकलें लगने लगी है कि अब अमित महतो सिल्ली विधानसभा से संभवतः चुनाव लड़ सकते हैं। बता दें कि हाईकोर्ट रांची की निचली अदालत ने अमित महतो का दो साल की सजा को एक साल में बदल दिया है। हाई कोर्ट ने अमित महतो को आईपीसी की धारा 506 में दो साल की सजा सुनाई थी जिसे कोर्ट ने एक साल में बदला है। दो साल सजा मिलने के बाद अमित महतो की सिल्ली विधानसभा की सदस्यता खत्म हो गई थी। इसके बाद सिल्ली में उप चुनाव हुआ था अमित की पत्नी सीमा महतो ने सुदेश महतो को हराकर विधायक बनी थी।

अब अमित महतो लड़ सकेगा चुनाव

अमित महतो के पक्ष में हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद अमित महतो के समर्थकों के बीच खुशी की लहर है।अमित महतो ने प्रभात मंत्र संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा कि माननीय हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत है। जो फैसला आया है इसका सम्मान करते हैं। सिल्ली की जनता के प्रार्थनाओं का फल है कि आज सच सबके सामने है। जहां तक सिल्ली विधानसभा चुनाव की बात है तो अब चुनाव लड़ सकते हैं,जनता का समर्थन हमेशा मिलते रहा है आगे भी मिलेगा।

क्या था मामला

रांची जिला के सोनाहातू अंचल के तत्कालीन सीओ रहे आलोक कुमार पर जानलेवा हमले के मामले में झारखंड मुक्ति मोर्चा के तत्कालीन विधायक रहे अमित महतो , मनजीत कुमार साहू , पंचानन सिंह मुंडा पर सजा के खिलाफ दायर क्रिमिनल अपील की सुनवाई झारखंड हाई कोर्ट में हुई। इसी मामले में अभियुक्तों को मिली सजा को बढ़ाए जाने का आग्रह करने वाली सोनाहातू के तत्कालीन अंचलाधिकारी आलोक कुमार की एक्यूटल अपील की सुनवाई हुई, कोर्ट ने आलोक कुमार के अपील को खारिज कर दिया। अमित महतो की सजा दो साल के बदले एक साल करते हुए उन्हें राहत दिया है। मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एस चंद्र शेखर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने की। सोनाहातु चल के तत्कालिन सी ओ आलोक कुमार के साथ मारपीट एवं उन पर हमला करने जैसे मामले में रांची की निचली अदालत ने सिल्ली से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक रहे अमित महतो समेत आठ लोगों को दो-दो वर्ष की सश्रम कैद की सजा सुनाई थी और 45-45 हजार राशि का जुर्माना भी। यह मामला बीते 28 जून 2006 को सोनाहातु अंचल कार्यालय में मारपीट आदि मामले दर्ज था, जिसमें सोनाहातु थाना कांड संख्या 42/2006 के तहत प्राथमिकी दर्ज किया गया था और इसी मामले पर दो मई 2023 को फैसला आया है।

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