ईरान पर किए गए इजरायली हमले में ईरान के सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बाघेरी की मौत हो गई है. इस हमले के दौरान इजरायली सेना ने ईरान के प्रमुख ठिकानों पर हमला किया है, जिसमें सैन्य मुख्यालय, परमाणु स्थलों, आईआरजीसी सहित शीर्ष सैन्य कमांडरों, परमाणु वैज्ञानिकों पर बमबारी की है. इजरायल ने ईरान के खिलाफ दूसरी बार हवाई हमला शुरू कर दिया है. इस बीच ईरान के कई शहरों में धमाकों की आवाज सुनाई दी. ईरानी हमले की आशंका को देखते हुए इजरायल ने अपने प्रमुख नेता और अधिकारियों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने का काम शुरू कर दिया है. इजरायली हमले के जवाब में ईरान ने भी इजरायल पर मिसाइलें दागी हैं. इससे पहले ईरानी सरकारी टेलीविजन BNO ने पुष्टि की थी कि इजरायली हमले में ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख जनरल हुसैन सलामी मौत हो गई है. इसके अलावा ईरानी अधिकारियों का कहना है कि इजरायल ने तेहरान के आसपास छह ईरानी सैन्य ठिकानों को निशाना भी बनाया है. ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इजरायल ने ऑपरेशन राइजिंग लॉयन शुरू किया है, जो हमारे अस्तित्व के लिए खतरे को समाप्त करने का एक लक्षित सैन्य अभियान है. यह ऑपरेशन तब तक चलेगा, जब तक ईरान के परमाणु खतरे का अंत नहीं हो जाता.इजरायली सरकार ने इस ऑपरेशन को “Targeted Defensive Campaign” करार देते हुए इसे पूरी तरह आत्मरक्षा के तहत उठाया गया कदम बताया है. हमले से कुछ घंटे पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मीडिया बातचीत में कहा था कि मुझे आशंका है कि मध्य पूर्व में एक भीषण संघर्ष हो सकता है. यह जरूरी नहीं कि आज ही हो, लेकिन इसकी संभावना बेहद प्रबल है. उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिकी प्रशासन ने पश्चिम एशिया में रह रहे अमेरिकी नागरिकों को सतर्क रहने और संभवतः क्षेत्र छोड़ने के निर्देश दिए हैं. ट्रंप का मानना है कि अगर यदि अचानक मिसाइलें गिरने लगें तो पहले से चेतावनी देकर लोगों की जान बचाई जा सकती है.

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