आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए बड़ी करंसी नोटों को बंद करने की वकालत की है. उन्होंने कहा कि 500 रुपये के नोट तक को बंद किया जाना चाहिए. आजतक को दिए एक इंटरव्यू में नायडू ने कहा, ‘सभी बड़ी मुद्राएं खत्म कर देनी चाहिए. तभी भ्रष्टाचार मिटाया जा सकता है.’ उन्होंने यह भी कहा कि 100 और 200 रुपये से नीचे के नोट ही चलन में रहने चाहिए, 500 रुपये के नोट की भी जरूरत नहीं है. मुफ्त योजनाओं (फ्रीबीज कल्चर) पर पूछे गए सवाल के जवाब में नायडू ने कहा कि ‘फ्रीबीज शब्द सही नहीं है. पहले ज्यादा कल्याणकारी योजनाएं नहीं थीं. लेकिन एनटीआर (पूर्व मुख्यमंत्री एन.टी. रामाराव) ने कई लाभकारी योजनाएं शुरू कीं. आज देश में संपत्ति तो बन रही है लेकिन अमीर-गरीब के बीच की खाई भी बढ़ रही है.’ नायडू ने कहा कि ‘कल्याणकारी योजनाएं सार्थक होनी चाहिए और इनकी डिलीवरी प्रभावी तरीके से होनी चाहिए. नायडू ने जातिगत जनगणना और स्किल जनगणना दोनों का समर्थन किया. उन्होंने कहा, ‘हर नागरिक के लिए एक साथ जातिगत, कौशल आधारित और आर्थिक जनगणना की जानी चाहिए। आज के दौर में डेटा बहुत ताकतवर हो गया है. इससे पब्लिक पॉलिसी को बेहतर तरीके से लागू किया जा सकता है.’ केंद्र सरकार ने हाल ही में देशव्यापी जातिगत जनगणना को मंजूरी दी है. अब तक बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में ऐसी जनगणना हो चुकी है।

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