
रांची। भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव और गोलीबारी की स्थिति में झारखंड सरकार ने एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम उठाया है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने यह साफ कर दिया कि झारखंड का स्वास्थ्य महकमा किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह युद्धस्तर पर तैयार है।
डॉ. अंसारी ने कहा, “मैं पहले एक डॉक्टर हूं, बाद में मंत्री। एक डॉक्टर के नाते मेरा पहला फर्ज़ है लोगों की जान बचाना। इसलिए मैंने यह फैसला लिया है कि अगर हालात गंभीर हुए, तो मैं खुद बॉर्डर पर जाऊंगा और अपने फर्ज़ को निभाऊंगा। यह मेरी नैतिक और पेशेवर ज़िम्मेदारी है।ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत राज्य के सभी अस्पतालों, डॉक्टरों और चिकित्सा संसाधनों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सभी सिविल सर्जनों और सरकारी चिकित्सकों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने कार्यस्थलों पर 24×7 उपलब्ध रहें। सभी सरकारी डॉक्टरों की छुट्टियाँ तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं। इसके साथ ही, पहली बार राज्य सरकार ने सभी निजी अस्पतालों को भी चौबीसों घंटे सेवा में तैनात रहने का निर्देश दिया है ताकि कहीं भी कोई चिकित्सीय शून्यता न पैदा हो।राज्य के कैंटोनमेंट और सीमावर्ती क्षेत्रों के अस्पतालों को विशेष बजट दिया गया है और अतिरिक्त मेडिकल स्टाफ, उपकरण व दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। ऑक्सीजन, जरूरी दवाइयों और ऑर्थोपेडिक सुविधाओं को भी विशेष रूप से तैयार रखा गया है।स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि झारखंड के डॉक्टर न केवल राज्य के नागरिकों की सुरक्षा के लिए बल्कि जरूरत पड़ने पर सीमा पर जाकर सेना के साथ खड़े होने के लिए भी तैयार हैं।डॉ. इरफान अंसारी का यह निर्णय केवल एक प्रशासनिक आदेश नहीं, बल्कि एक जनसेवक डॉक्टर की संकल्पना का प्रतीक है। इस निर्णायक वक्त में झारखंड सरकार ने यह साबित कर दिया है कि वह सिर्फ राजनीतिक बयानबाज़ी नहीं करती, बल्कि हर चुनौती का जवाब ज़मीन पर उतरकर देती है।यह केवल एक मेडिकल एडवाइजरी नहीं, बल्कि झारखंड की तरफ से राष्ट्र के लिए संकल्प है “हर जीवन की रक्षा, हर परिस्थिति में सेवा।
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