
परवेज़ कुरैशी
रांची। खिलारी कोलांचल के क्षेत्र में 90 की दशक में पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी असीम पहचान बनाने वाले पहले पत्रकार मुक्तिनाथ गिरी का मंगलवार को मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। मुक्तिनाथ गिरी खिलारी, राय, मैकलुस्कीगंज जैसे नक्सली प्रभावित क्षेत्रों में ना सिर्फ निर्भीक होकर पत्रकारिता की है , बल्कि समाज सुधार के लिए कई उल्लेखनीय कार्य करने के लिए भी उन्हें याद किया जायेगा। खासकर नक्सलियों और कोयलांचल के क्षेत्र में जिस तरह से उन्होंने पत्रकारिता की है उनकी प्रशंसा जितनी की जाए कम है।
बिहार के रहने वाले थे:
मुक्तिनाथ गिरी मूल रूप से बिहार के सारण जिला छपरा के जलालपुर स्थित कुम्ना गांव के रहने वाले थे, यहीं से उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और इसके बाद 80 के दशक में अपने बड़े भाई शेषनाथ गिरी के घर राय चले आए, यही पर वह रहकर पढ़ाई लिखाई की। सेंट जेवियर्स कॉलेज रांची से हिंदी में स्नातक की और इसी दौरान रांची एक्सप्रेस से जुड़ गए, लिखने का शौक इनको इतना था कि धीरे-धीरे जब प्रभात खबर आया तो वह प्रभात खबर से जुड़ गए और लंबे समय से प्रभात खबर के साथ ही जुड़े रहे। मुक्तिनाथ गिरी 1985 से लेकर 90 तक खेलारी, राय , मैकलुस्कीगंज, बुढ़मु क्षेत्र के पहले पत्रकार थे । बाद में जो भी पत्रकारिता के क्षेत्र में आए उन्हें काफी सपोर्ट भी किया करते थे। वर्तमान में खेलारी अंचल के केडी में रहने लगे थे। पास में ही डकरा यूकेएस डिग्री कॉलेज में लेक्चरर के रूप में भी योगदान दे रहे थे। अपने दो बेटे आकाश जो पत्रकारिता के क्षेत्र से भी जुड़े रहें और दूसरा बेटा अविनाश जो सीसीएल में कार्यरत हैं। मुक्तिनाथ गिरी अपने चार भाइयों में तीसरे नंबर पर थे।
बीमारी ने कमजोर कर दिया:
इसी दौरान करीब 5 साल पहले किडनी की समस्या से परेशान थे और इस बीच कई बार डायलिसिस कराने रांची भी आया करते थे। लंबे समय से मेदांता अस्पताल में वे डायलिसिस कराते रहे। इसी क्रम में दस मार्च को ब्रेन हेमरेज होने के कारण उन्हें आनन फानन में मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसी क्रम में मंगलवार 11 मार्च 2025 को देर शाम उनका निधन हो गया । पत्रकार अखिलेश गिरी ने बताया कि अंतिम संस्कार खेलारी में ही होगी । मुक्ति नाथ गिरी के निधन से न सिर्फ पत्रकारिता जगत में बल्कि पूरे मैकलुस्कीगंज, खेलारी,राय,सिवान के छपरा तक में शोक की लहर है। शोक व्यक्त करने वालों में वरिष्ठ पत्रकार मधुकर, द रांची प्रेस क्लब के अध्यक्ष सुरेंद्र सोरेन, सचिव अमरकांत, कोषाध्यक्ष कुबेर सिंह, पूर्व कोषाध्यक्ष सुशील सिंह मंटू, पूर्व अध्यक्ष राजेश सिंह, कार्यकारिणी सदस्य विजय मिश्रा, पूर्व कार्यकारिणी सदस्य प्रवेज कुरैशी, वरिष्ठ पत्रकार जितेंद्र गिरी, बसंत, अनिल पांडेय, अखिलेश गिरी ,रोहित, शंभू नाथ चौधरी , प्रशांत सिंह, मुन्ना सिंह, सहित कई पत्रकारगण, सामाजिक संगठनों एवं राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने भी शोक व्यक्त किया है।
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