रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने किए वादे को पूरा कर रहे हैं, यह इस बात से भी स्पष्ट होता है कि बीते 27 फरवरी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को यह जानकारी दी गई थी कि डाल्टनगंज मुस्लिम नगर के रहने वाले शादाब राइन पिता जाबिर राइन की मृत्यु 17 जनवरी 2025 को सऊदी अरब में हो गई थी। मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया, लेकिन बताया जाता है कि अचानक मृत्यु हो गई थी , लेकिन उनके परिजन इतने सक्षम नहीं थे कि शादाब का पार्थिव शरीर डाल्टनगंज वापस मंगा सके। परिजनों का रो रो के बुरा हाल था, तभी झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता समाज सेवी लाडले खान से इस बात की जानकारी दी गई । लाडले खान ने 25 फरवरी को स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर इरफान अंसारी से परिजनों को मुलाकात करवाया । इरफान अंसारी ने भरोसा दिलाया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर पूरे जानकारी देंगे और मदद ली जायेगी और पार्थिव शरीर को साऊदी से झारखंड मंगाया जाएगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से विधानसभा सत्र के दौरान 27 फरवरी को डॉक्टर इरफान अंसारी ने लाडले खान और मृतक शादाब की पत्नी हिना बीवी और उसके तीनों बच्चों को लेकर भेंट की और पूरी जानकारी दी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तुरंत कहा कि इतना लेट से मुझे क्यों बताया, मैं कोशिश करता हूं और पार्थिक शरीर को मंगाने का प्रयास करता हूं और उन्होंने सऊदी अरब में संपर्क किये । मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अथक प्रयास के बाद सऊदी अरब सरकार ने लगभग 67 दिनों के बाद पार्थिव शरीर साऊदी से लखनऊ भेज दिया । परिजन एंबुलेंस लेकर लखनऊ पहुंचे ,और 7 मार्च को ही लखनऊ से पार्थिव शरीर लेकर डाल्टनगंज मुस्लिम नगर आ रहे, और तरावीह की नमाज के बाद नजदीक के कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक कर दिया जायेगा ।

इंतजार खत्म :

शादाब का पार्थिव शरीर आने की जानकारी जैसे ही मस्जिद से ऐलान किया गया तो, आसपास के लोग शादाब के घर के पास जुटने लगे , जो परिचित हैं उनका रो रो के बुरा हाल है। और उनके पुराने दिनों को भी याद कर रहे हैं । बताया जा रहा है कि 24 जुलाई 2024 को शादाब अपने साढू के साथ सऊदी अरब रोजी रोटी कमाने के लिए गए थे, इसी दौरान अचानक 17 जनवरी को यह सूचना मिली कि उसकी मृत्यु हो गई । तब से परिवार के लोग परेशान थे। पार्थिव शरीर परिजनों तक पहुंचे इसके लिए समाजसेवी लाडले खान की मेहनत रंग लाई वहीं प्रभात मंत्र अखबार ने अपने स्तर से इस खबर को प्रमुखतः के साथ प्रकाशित करते रहे ताकि सरकार त्वरित निर्णय ले। वही हुआ भी, सरकार ने पुरजोर कोशिश की जिसका सार्थक परिणाम यह हुआ कि मृतक शादाब राइन का पार्थिव शरीर उनके परिजनों को सौंपा दिया गया और तरावीह के नमाज के बाद ही शादाब को अब अपने परिजनों और बस्ती वालों के हाथों की मिट्टी नसीब हो सकेगी।

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