
पटना। बिहार के पटना जिले के बाढ़ अनुमंडल में मंगलवार सुबह एक बड़ा रेल हादसा होते-होते टल गया। बाढ़ स्टेशन के पास एक मालगाड़ी अचानक दो हिस्सों में बंट गई, जिससे स्टेशन पर अफरा-तफरी मच गई। यह घटना सुबह 7:28 बजे प्लेटफॉर्म नंबर 3 पर मिल्की चक के पास हुई, जब मालगाड़ी के कपलिंग (हुक) का लॉक खुल गया और ट्रेन दो हिस्सों में विभाजित हो गई। मालगाड़ी की आधी से अधिक बोगियों को लेकर इंजन आगे निकल गया, जबकि बाकी डिब्बे स्टेशन पर ही रह गए। मालगाड़ी बाढ़ स्टेशन के पास से गुजर रही थी, तभी अचानक उसका कपलिंग (डिब्बों को जोड़ने वाला हुक) खुल गया। इस कारण मालगाड़ी के कई डिब्बे पीछे छूट गए और इंजन केवल आधी गाड़ी के साथ आगे बढ़ गया। जैसे ही यह घटना हुई, स्टेशन पर मौजूद यात्रियों और रेलवे कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। लोग घबराकर इधर-उधर भागने लगे, क्योंकि उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि यह घटना दुर्घटनावश हुई या फिर किसी तकनीकी खराबी के कारण। घटना की सूचना मिलते ही रेलवे के अधिकारी और टेक्नीशियन तुरंत मौके पर पहुंचे। स्टेशन मास्टर मृत्युंजय कुमार ने बताया कि तकनीकी टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कपलिंग को फिर से जोड़ा और मालगाड़ी को आगे रवाना किया। लगभग एक घंटे की मशक्कत के बाद मालगाड़ी को दुरुस्त कर यातायात फिर से सामान्य कर दिया गया। हालांकि, इस दौरान रेलवे लाइन बाधित रही और कुछ ट्रेनों को रोक दिया गया, जिससे यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा। मालगाड़ी के अचानक दो हिस्सों में बंटने की घटना बेहद गंभीर हो सकती थी, अगर उस समय कोई यात्री ट्रेन पास कर रही होती या कोई अन्य गाड़ी उसी ट्रैक पर आ रही होती। ऐसी स्थिति में एक भीषण हादसा हो सकता था, जिससे जान-माल की भारी क्षति होती। इसके अलावा, यदि मालगाड़ी में कोई ज्वलनशील पदार्थ या खतरनाक सामान लदा होता, तो स्थिति और भी भयावह हो सकती थी। सौभाग्यवश, रेलवे कर्मचारियों की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई से एक बड़ा हादसा टल गया। इस घटना ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। मालगाड़ियों में तकनीकी खराबी और नियमित जांच की कमी के कारण इस तरह की घटनाएं अक्सर देखने को मिलती हैं। कपलिंग का अचानक खुल जाना यह दर्शाता है कि रेलवे के रखरखाव में कहीं न कहीं चूक हुई थी। यदि समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो भविष्य में इससे भी बड़ी दुर्घटनाएं हो सकती हैं। रेलवे प्रशासन को चाहिए कि वह इस घटना की गहन जांच करे और सुनिश्चित करे कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। हालांकि इस घटना में कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन रेल यातायात बाधित होने के कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। कई यात्री अपनी ट्रेनों के देरी से चलने की वजह से परेशान रहे। विशेष रूप से उन यात्रियों को अधिक दिक्कत हुई, जो अपने गंतव्य तक समय पर पहुंचने की योजना बना रहे थे। पटना के बाढ़ स्टेशन पर हुई इस घटना ने रेलवे की तकनीकी कमियों और रखरखाव की लापरवाही को उजागर कर दिया है। यह रेलवे प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल उपाय किए जाएं। नियमित जांच, उपकरणों की गुणवत्ता सुधार और कर्मचारियों की सतर्कता बढ़ाकर ही इस प्रकार की दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। सौभाग्यवश, इस बार कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन अगर रेलवे इस घटना से सबक नहीं लेता, तो भविष्य में यह किसी बड़े हादसे का कारण बन सकता है।
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