टोंक । राजस्थान के सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की मतदान प्रक्रिया बुधवार की शाम 6 बजे पूरी हो गई. लेकिन इसके बाद टोंक जिले में बवाल शुरू हो गया. देवरी-उनियाल विधानसभा सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा द्वारा एसडीएम को थप्पड़ मारने का मामला आगजनी और पत्थरबाजी में तब्दील हो गया. जिले की पुलिस जब नरेश मीणा को गिरफ्तार कर ले गई तो उनके समर्थकों ने पुलिस के साथ हाथापाई करके छुड़ा ले गए और फिर बवाल शुरू हो गया. पुलिस ने अभी तक 60 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. चार एफआईआर दर्ज की गई है. रात के वक्त धरने पर बैठे नरेश मीणा के समर्थकों ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिसको रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और साथ में हवाई फायरिंग भी करनी पड़ गई. वहीं इस बवाल को लेकर सीएम भजनलाल शर्मा ने डीजीपी यूआर साहू से जानकारी ली और मंत्री कन्हैयालाल चौधरी से भी बातचीत की है. साथ ही उन्होंने इस मामले में सख्ती से निपटने के निर्देश दिए हैं.वहीं आरएएस एसोसिएशन ने नरेश मीणा की गिरफ्तारी की मांग की है और चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर नरेश मीणा गिरफ्तार नहीं होते हैं तो कार्य का बहिष्कार किया जाएगा. आज सुबह 10 बजे सचिवालय में आरएएस अधिकारी एकत्रित होगी. 15 नवंबर को होगी एसोसिएशन की कार्यकारिणी की बैठक. जिला-संभाग स्तर पर आरएएस ज्ञापन देंगे. टोंक जिले के समरावता गांव में नरेश मीणा के धरनास्थल पर जमकर बवाल हुआ है.यह सब हंगामा पुलिस की तरफ से नरेश मीणा को हिरासत में लिए जाने के बाद हंगामा शुरू हुआ, जिसपर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया और फिर नरेश मीणा के समर्थक भी उग्र हो गए और पत्थरबाजी शुरू कर दी. पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे. समरावता गांव इस वक्त छावनी में तब्दील हो गई है. वहीं इस पूरे मामले को लेकर डिप्टी सीए डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि कानून अपना काम करेगा।
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