खलारी। खलारी कोयलांचल में आश्विन मास के अष्टमी दिन बुधवार को सैकड़ों लोगो ने पितृ तर्पण विधि-विधान के साथ किया। पितृपक्ष का आठवां दिन नदी, तालाब, पोखरा एवं कुआं पर स्नान कर सर्व पितृमोक्ष पितरों का तर्पण किया गया। क्षेत्र के दामोदर नदी, सपही नदी, सोनाडुबी सहित अन्य नदियों व तालाबों में सुबह से ही पितृ तर्पण करने के लिए दर्जनों लोग एकत्रित हुए और नदी में स्नान करने के उपरांत अपने-अपने पितृ को याद करते हुए काला तिल, जौ, अरवा चावल, फूल तथा जल से ब्राह्मणों द्वारा विधान पूर्वक से पितृ तर्पण करवाया गया। जबकि कुछ लोगों ने अपने घरों में ही स्नान कर ब्राह्मणों द्वारा विधान से सर्व पितृमोक्ष पितरों का तर्पण किया। पितृ तर्पण के बाद ब्राह्मण को भोजन करवाकर उन्हें दान दिया गया। उल्लेखनीय है कि आश्विन मास के कृष्णपक्ष प्रतिपदा से लेकर अमावस्या 15 दिन पितरों को श्रद्धाअर्पण करने का श्राद्ध पर्व मनाया जाता है, जो कि इस पर्व को मनाने का मुख्य उद्देश्य रहता है। इसमें अपने पितरों के अधूरे कर्मों को अपने द्वारा श्रेष्ठ कर्म कर उन्हें कर्म दोष से मुक्त कर पितृलोक से देव लोक की ओर गतिशील करना रहता है। ऐसे में खलारी के दीपक कुमार पांडेय ने बताया कि जब यह कर्त्तव्य पूर्ण किया जाता है, तो निश्चित रूप से हमें इसी जीवन में उत्तम फल की भी प्राप्ति होती है। साथ ही धर्मराज यमदेव पुण्यकर्म करने वाले मनुष्ययों को सुख देने वाले स्थानों में ले जाते है। पुजारी बिनोद मिश्रा ने बताया कि श्राद्ध कर्म, पिंडदान व तर्पण विधिवत करने से पूर्वजों की आत्मा को तृप्ति होती है। जिससे उनका आशीर्वाद परिवार के सदस्यों पर सदैव बना रहता है।