September 27, 2024

परवेज कुरैशी

रांची । राज्य में बढ़ते हुए अपराध , उग्रवाद, आतंकवाद, साइबर ठग, छिनताई, लूट, डकैती, हत्या, बलात्कार , गौ तस्करों, जमीन दलालों सहित ऐसे अन्य अपराध और अपराधियों, नक्सलियों, उग्रवादियों, आतंकवादियों ऐसे लोगों पर अंकुश लगाने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी थाना से लेकर जिला के एसपी तक की होती है। इस तरह के अपराध रोकने के लिए सबसे जरूरी होती है, कि कोई भी पुलिस अधिकारी अपने थाना में या फिर जिला मुख्यालय में कम से कम 3 सालों तो जरूर रहने दें। तभी वे अपने क्षेत्र की जानकारी से लेकर सफेदपोश चेहरे और अपराधियों तक की गतिविधियों की जानकारी रख सकते हैं।

एक साल में ही बदल रहे हैं थानेदार,एसपी:

ऐसे थाना या जिला की अगर बात करें तो 12 घंटे से लेकर 6 महीने और साल भर के अंदर ही कई थानेदार , और एसपी तक का तबादला हो गया। किसी को तो दो से तीन बार एक जगह से दूसरे जगह पर तबादला कर दिया गया। ऐसी परिस्थिति में न अपराध कंट्रोल होगा और ना ही पुलिस पदाधिकारी को कम करने में मन लगेगा , नतीजा अपराधी अपराध जैसी घटनाएं जारी रखेगा। हाल के दिनों में अगर देखा जाए, 2023 से लेकर 24 तक ऐसी कोई भी थानेदार या एसपी नहीं हैं जो अपने जिला में एक साल भी पद पर टिका हो।

इनका हुआ तबादला:

यह चर्चा इसलिए हो रही है की 3 दिन पहले ही गृह कारा आपदा विभाग झारखंड सरकार द्वारा सूची जारी की गई थी, जिसमें आईपीएस अधिकारी अपराध अनुसंधान विभाग पर पदस्थापित निधि द्विवेदी को जामताड़ा एसपी बनाया गया था, लेकिन करीब 12 घंटे के अंदर ही उसे विलोपित कर दिया गया। वहीं एसीबी में पद पे पदस्थापित एहतेशाम वकारिब को जामताड़ा का एसपी बना दिया गया, तो वहीं खलारी डीएसपी रहे रहे चुके अनिमेष नैथानी को प्रमोशन मिलने के बाद जामताड़ा एसपी बनाया गया था, और संभवता 6 महीना बाद ही उसे वहां से हटकर गोड्डा भेज दिया गया। ठीक इसी तरह से अपराधियों सहित साइबर ठगों, गौ तस्करों पर कड़ाई से कार्रवाई करने वाले एसपी दीपक शर्मा को भी एक साल के अंतराल में ही उनकों उनके स्थान से हटाकर सीधे एससीआरबी में पदस्थापित कर दिया गया। बताया जाता है कि लगातार साइबर ठगों और गौ तस्करों पर कार्रवाई करने के कारण दीपक शर्मा पर दबाव भी बनाया जा रहा था , कि वे गौ तस्करों पर कार्रवाई न करें। इसमें डीआईजी रैंक के एक अधिकरी से लेकर छुटभैया नेता तक के नाम शामिल बताये जा रहे हैं। वहीं गिरिडीह में डॉक्टर विमल कुमार को एसपी बनाया गया है , जबकि 21 जुलाई 2024 को डॉ विमल रामगढ़ एसएसपी पद से हटाकर पुलिस मुख्यालय भेज दिया गया। रांची के ट्रैफिक एसपी पर तैनात रहे कुमार गौरव को कुछ ही दिनों बाद साहेबगंज एसपी बनाया गया, फिर उसे लातेहार भेज दिया गया। मनीष टोप्पो रांची ग्रामीण एसपी को चाईबासा और विशेष शाखा और पियूष पांडेय को भी एक जिला में एक साल रहने नहीं दिया गया। वहीं बरियातू थानेदार सुरेश मंडल जो अपने कार्यकाल के एक साल भी पूरा नहीं किये और उसे भी हटाकर रांची से दूसरे जिला स्थानांतरित करते हुए पलामू भेज दिया गया। गिरिडीह जिला के थाना में तैनात रहें मनोज कुमार को बरियातू थाना में पद स्थापित किया गया, चुटिया थाना प्रभारी रहे उमाशंकर को एक्सट्रीम बार में हुए गोली कांड के बाद उसे हटा दिया गया। डोरंडा थाना प्रभारी रहे लक्ष्मीकांत को हटाकर सदर थाना फिर सदर थाना से निलंबित कर उन्हें चुटिया थाना भेज दिया गया। ऐसे कई सहायक अवर निरीक्षक , थानेदार और एसपी शामिल हैं जो करीब 2023 से लेकर 2024 अगस्त महीने तक दो से तीन बार , एक जगह से दूसरे जगह तक इनको तबादला झेलना पड़ा चुका है।

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