चंपई थामेंगे बीजेपी का दामन
रांची : कुछ दिनों से अंगड़ाई लेते-लेते कोल्हान की राजनीति आज करवट लेने वाला है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन कोल्हान क्षेत्र से लगातार 35 वर्षों तक झारखंड मुक्ति मोर्चा की राजनीति करने के बाद आज भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे। कोल्हान टाइगर के नाम से मशहूर चंपई सोरेन को भाजपा में शामिल होने से कोल्हान की राजनीति में एक नए युग का उदय होगा। उनके स्वागत के लिए रांची में जबरदस्त तैयारी है। पुराने विधानसभा के पास शहीद मैदान में उनको भाजपा की सदस्यता दिलाई जाएगी। इस दौरान झारखंड भाजपा के प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी, केंद्रीय कृषि मंत्री सह भाजपा के चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान, असम के सीएम और चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा, प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी समेत प्रदेश के कई नेता मौजूद होंगे। इसके बाद संभवतः कोल्हान में भी भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान भाजपा के कई बड़े नेताओं के उपस्थित रहने की संभावना है. दरअसल,मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाए जाने के बाद से ही चंपाई सोरेन नाराज चल रहे थे.उन्होंने 20 अगस्त को सोशल मीडिया पर अपने दिल की बात साझा करते हुए कहा था कि उन्हें उनके ही पार्टी में अपमानित किया गया है.लिहाजा 3 जुलाई को ही उन्होंने तय कर लिया था कि अब इस पार्टी में नहीं रहेंगे.उन्होंने इशारों इशारों में सीधे तौर पर हेमंत सोरेन पर निशाना साधा था. इसके बाद रक्षाबंधन के दिन वह दिल्ली पहुंचे और 20 अगस्त को सरायकेला लौटने के बाद से कोल्हान में अपने समर्थकों का मिजाज टटोलते रहे. इस दौरान उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि वह या तो अपना संगठन खड़ा करेंगे या कोई साथी मिलेगा तो उसके साथ जुड़ जाएंगे.झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने भाजपा में शामिल होने की वजह बताई। उन्होंने कहा कि पहले मैंने सोचा था कि मैं संन्यास ले लूंगा। फिर मैंने सोचा कि नया संगठन बनाऊंगा लेकिन इसके लिए समय अभी कम है। बहुत मंथन करने के बाद मेरा प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह पर विश्वास बढ़ गया और भाजपा में शामिल होने का हमने निर्णय ले लिया। भाजपा में मेरे साथ मेरा बेटा भी शामिल होगा।चंपई ने सोशल मीडिया पर पोस्ट के माध्यम से पार्टी नेतृत्व पर खुद को अपमानित करने का आरोप लगाया था। पोस्ट में उन्होंने लिखा था कि लगातार अपमानजनक व्यवहार से भावुक हो कर मैंने सियासत में नए विकल्प को अपनाने का फैसला किया है। चंपई ने अपना दर्द साझा करते हुए कहा था कि लगातार अपमान और तिरस्कार के बाद उनके सामने राजनीति से संन्यास लेने, अपना संगठन खड़ा करने या नए साथी के साथ सफर करने का विकल्प बचा था। मेरे लिए विधानसभा चुनाव तक के सफर के लिए विकल्प खुले हुए हैं। अपमान और तिरस्कार के कारण मैं वैकल्पिक राह तलाशने के लिए मजबूर हो गया। पूर्व सीएम ने विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड के कोल्हन क्षेत्र में अपने समर्थकों
से मिले।उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से रणनीति पर चर्चा भी की। बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन को झारखंड का सीएम बनाया गया था। उन्होंने फरवरी से जुलाई तक सीएम के पद पर कार्य किया। वह 2005 से प्रत्येक चुनाव में विधानसभा के लिए चुने गए हैं। झारखंड में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाला है।
चंपाई की जगह लेंगे रामदास सोरेन
रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने बुधवार शाम को मंत्री पद और झारखंड मुक्ति मोर्चा से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे के बाद मंत्री पद खाली है। चंपई सोरेन के इस्तीफे के बाद उनकी जगह घाटशिला के झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक रामदास सोरेन को मंत्री बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री की ओर से रामदास सोरेन को मंत्री के रूप में शपथ दिलाने के लिए राजभवन को पत्र भेज दिया गया है।शपथ ग्रहण समारोह शुक्रवार 30 अगस्त को दिन के 11 बजे आयोजित किया जाएगा। इधर, चंपई सोरेन भी इसी दिन औपचारिक तौर पर बीजेपी में शामिल होंगे। रामदास सोरेन ने खुद इस बात की पुष्टि की है कि उन्हें मंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए सीएम हाउस से फोन आया है। चंपई सोरेन के जिम्मे उच्च एवं तकनीकी शिक्षा और जल संसाधन विभाग थे। संभावना जताई जा रही है कि रामदास सोरेन को ये दोनों विभाग दिए जाएंगे।चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने से राज्य के कोल्हान प्रमंडल में सियासी समीकरण प्रभावित हो सकता है। ऐसे में उनकी जगह रामदास सोरेन को मंत्री बनाए जाने के फैसले को सियासी ‘डैमेज कंट्रोल’ की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है, क्योंकि 61 वर्षीय रामदास सोरेन भी चंपई सोरेन की तरह संथाल आदिवासी समाज से ताल्लुक रखते हैं और उनकी राजनीति भी कोल्हान प्रमंडल में केंद्रित रही है।रामदास सोरेन घाटशिला से दो बार विधायक चुने गए हैं। पहली बार 2009 में और दूसरी बार 2019 में विधायक बने। वह पूर्वी सिंहभूम के जिला अध्यक्ष भी हैं. रामदास सोरेन झारखंड आंदोलन में भी सक्रिय रहे हैं। उन्होंने शिबू सोरेन और चंपई सोरेन के साथ आंदोलन किया है। यह पहला मौका है, जब रामदास सोरेन को सरकार में जगह मिलने जा रही है। 2019 विधानसभा चुनाव के बाद हेमंत सोरेन ने उन्हें जिला परिषद में अहम पद दिया था।