जोहॉन्सबर्ग, 10 अक्टूबर (हि.स.)। महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में जहाँ रह कर वकालत शुरू की थी, उस स्थान पर उनकी प्रतिमा लगाई गयी है। इसे लेकर दक्षिण अफ्रीका में रह रहे भारतीय अप्रवासी उत्साहित हैं और अब उस क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने की पहल भी हो रही है।
दक्षिण अफ्रीका के जोहॉन्सबर्ग स्थित टॉलस्टॉय फार्म में महात्मा गांधी वर्ष 1910 से 1914 तक रहे थे। वकील के रूप में अपने करियर की शुरुआत भी महात्मा गांधी ने टॉलस्टॉय फार्म में रहते हुए ही की थी। अब वहीं महात्मा गांधी की आठ फीट ऊँची प्रतिमा का अनावरण किया गया है। महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण दक्षिण अफ्रीका में भारत के राजदूत प्रभात कुमार ने किया। इस मौके पर प्रभात कुमार ने कहा कि यह प्रतिमा महात्मा गांधी के जीवन के उस समय की याद दिलाती है, जब वह दक्षिण अफ्रीका छोड़ कर गए थे। यह टॉलस्टॉय फार्म के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी, जहां महात्मा गांधी पांच-छह साल रहे।
वैसे प्रतिमा लगाने की पहल गांधी की स्मृतियों को पुनर्जीवित करने की प्रक्रिया का हिस्सा है। वर्ष 1990 तक यह जगह तबाह हो चुकी थी और यहां बने मकान क्षतिग्रस्त हो गए थे। जिस टॉलस्टॉय फार्म में रहकर बापू ने दक्षिण अफ्रीका में आंदोलन किया था, वहाँ बड़ी-बड़ी घास उगी हुई थी। महात्मा गांधी रिमेंबरेंस ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष मोहन हीरा ने टॉलस्टॉय फार्म के पुनरुद्धार का बीड़ा उठाया। उनके प्रयासों के लिए इस साल जनवरी में उन्हें प्रवासी भारतीय अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था। मोहन हीरा का कहना है कि अब महात्मा गांधी की प्रतिमा के अनावरण के बाद उनकी अगली कोशिश इस जगह को आत्मनिर्भर बनाने की होगी, ताकि यहां के लोग आत्मनिर्भर बन कर गरीबी से निकल सकें।