रांची
ग्रामीण सहित शहरी क्षेत्रों के पशुपालकों को पशु चिकित्सा संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने के लिए हेसाग स्थित पशुपालन एवं सहकारिता भवन के सभागार में ए-हेल्प योजना का शुभारंभ किया गया। योजना का शुभारंभ करते हुए कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल ने कहा कि राज्य की जीडीपी में कृषि और पशुपालन का 20 प्रतिशत योगदान सुनिश्चित करने का लक्ष्य सरकार ने रखा है। इसी के मद्देनजर विभाग विभिन्न स्तर पर योजना की शुरुआत कर रहा है। उन्होंने ए-हेल्प के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि इस योजना से राज्य के ग्रामीण क्षेत्र की लाइफ स्टाईल में बदलाव आयेगा और पशुपालकों की सोच में भी परिवर्तन आयेगा। उन्होंने कहा कि ए-हेल्प योजना के तहत पशु सखियों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। क्योंकि पशुपालन को लेकर पंरपरावादी सोच को बदलने की जरूरत है, ताकि वैज्ञानिक पद्धति का समावेश कर इसे उद्यमिता का रूप देते हुए बदलाव किया जा सके।
5 लाख किसानों का कृषि लोन माफ
बादल ने बताया कि सरकार ने 4.5 लाख किसानों को केसीसी उपलब्ध कराया है। साथ ही 5 लाख किसानों का कृषि लोन माफ किया है। इसके अलावा 2018-19 के लंबित बीमा की 732 करोड़ की राशि किसानों को उपलब्ध कराई है। उन्होंने कहा कि हमने 42 हजार लाभुकों को पशुधन योजना का लाभ दिया है। कहा कि हम जल्द ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पशुधन की सोच को साकार करने के लिए पशुपालकों को बीमा की सुविधा भी देने जा रहे हैं।
गो सेवा आयोग के झारखण्ड प्रदेश अध्यक्ष राजीव रंजन ने कहा कि यह हमारे लिए एक अवसर है। इसलिए हमारी जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ जाती है कि इस योजना की सफलता के लिए हम लगातार प्रयास जारी रखें।
झारखंड में आजीविका के क्षेत्र में बेहतर काम
भारत सरकार में पशुपालन विभाग की सचिव अलका उपाध्याय ने पशु सखियों को ऑनलाईन संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड में आजीविका के क्षेत्र में बेहतर काम हुआ है। कई संगठन बनाये गये हैं। उनमें से करीब 15 संगठनों में महिलाएं काफी आगे बढ़कर काम कर रही हैं और इन आंकड़ों से साफ है कि बड़ी संख्या में झारखंड की महिलाएं दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं। पशुपालन विभाग के निदेशक आदित्य रंजन ने कहा कि पशुपालन का आजीविका में एक महत्वपूर्ण योगदान है। विभाग का प्रयास है कि उद्यमिता विकास और ब्रीड डेवलपमेंट में बदलाव होना चाहिये। कार्यक्रम में ट्रेनिंग मॉडयूल शिड्यूल की पत्रिका का विमोचन किया गया। साथ ही ट्रेनिंग लेने वाली 6 पशु सखियों को सांकेतिक रूप से प्रशिक्षण किट दिये गए।
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