खूंटी, 7 अक्टूबर (हि.स.)। जिले के मुरहू प्रखंड की बिचना पंचायत के गम्हरिया गांव के दिव्यांग चुड़तू प्रधान (32) पर बूढ़े मां-बाप, दिव्यांग पत्नी और दो बच्चों सहित परिवार के छह सदस्यों के पालन-पोषण की पूरी जिम्मेवारी है। चुड़तू अधिक पढ़ा-लिखा नहीं है। गरीबी के करण वह सिर्फ आठवीं तक की पढ़ाई कर पाया। बिना कोई ठोस कमाई के परिवार के छह लोगों की उदर पूर्ति और बच्चों को पढ़ाना आसान काम नहीं था लेकिन उसने हार नहीं मानी और घर पर ही बिजली वायरिंग और विद्युत उपकरणों की मरम्मत करने लगा।

हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में चुड़तू प्रधान ने कहा कि एक दिन उसे स्वयंसेवी संस्था लीड्स के बारे में जानकारी मिली और वह रेस परियोजना से जुड़ गया। रेस परियोजना के तहत गांव गम्हरिया में ग्राम स्वच्छ ऊर्जा समिति का गठन किया। सर्वसम्मति से चुड़तू का चयन ऊर्जा मित्र के रूप में किया गया। इसके बाद उसे तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान चुड़तू को बिजली वायरिंग, सोलर उपकरण की मरम्मत, एलईडी बल्ब की मरम्मत करना, नये एलईडी बल्ब को एसेंबल करना सहित बिजली से संबंधित जानकारी मिली।

चुड़तू ने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उसने अपने घर में स्वच्छ ऊर्जा समाधान केंद्र की स्थापना की और स्वच्छ ऊर्जा आधारित उपकरणों की खरीद-बिक्री और मरम्मत करने लगा। कुशल व्यवहार और लगन के कारण धीरे-धीरे उसका व्यवसाय चल निकला लेकिन पूंजी की कमी के कारण वह अपने व्यवसाय को बढ़ा नहीं पा रहा था। पूंजी के लिए उसने रेस परियोजना समन्वयक के नाम से आवेदन लीड्स संस्था को दिया।

लीड्स संस्था ने उससे बिजनेस प्रोपोजल मांगा और उसे आर्थिक सहयोग मिला। आर्थिक सहयोग मिलने के बाद उसने व्यवसाय को बढ़ाकर सोलर उपकरण, एलईडी बल्ब मरम्मत, बिजली उपकरण की बिक्री, बिजली वायरिंग के सामानों की खरीद-बिक्री करने लगा। देखते ही देखते उसे अच्छी आमदनी होने लगी। इसके बाद लीड्स संस्था ने उसका चयन मास्टर ट्रेनर के रूप में किया। वह मुरहू प्रखंड की विभिन्न पंचायतों में युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण देने लगा। इस कार्य के लिए उसको संस्था की ओर से इंसेंटिव भी मिलने लगा। इससे उसकी आय में भी वृद्धि हुई। आज चुड़तू दोनों बच्चों को अच्छे स्कूलों में पढ़ा रहा है और परिवार की आर्थिक स्थिति में भी लगातार सुधार हो रहा है।

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