द फॉलोअप डेस्क:
झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत नक्सल प्रभावित सारंडा जंगलों के बीच बसे गंगदा पंचायत के लेम्ब्रे गांव के ग्रामीणों ने मूलभूत सुविधाओं की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया है। बिजली, पानी, परिवहन और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं से मरहूम ग्रामीणों ने नाराजगी भरे स्वर में कहा कि यदि उनके गांव में समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो आगामी चुनावों में मतदान करने नहीं जाएंगे।
जिला या प्रखंड मुख्यालय तक जाने का रास्ता नहीं
ग्रामीणों ने बताया कि लेम्ब्रे गांव से जिला या प्रखंड मुख्यालय जाने के लिए उनको कोयना नदी पार करना होता है। नदी में पुल नहीं होने की वजह से काफी परेशानी होती है। मानसून में नदी उफना जाती है और पूरा गांव टापू बन जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि बीती गर्मी में स्थानीय सांसद गीता कोड़ा गांव आई थीं और नदी में पुल बनवाने का वादा किया था। अधिकारियों ने सर्वे किया औऱ फिर सब ठंडे बस्तें चला गया।
गर्भवती महिलाओं और मरीजों को होती है दिक्कत
लेम्ब्रे के गांव वालों ने बताया कि यदि कोई बीमार हो या कोई हादसा हो जाए तो उसे तत्काल अस्पताल पहुंचाना संभव नहीं है। गर्भवती महिलाओं को खटिया पर टांगकर अस्पताल ले जाना पड़ता है। सड़क और पुल के अभाव में समय पर इलाज नहीं मिलने की वजह से कई मरीजों ने दम तोड़ दिया। लोगों की शिकायत मुखिया से भी है। उनका आरोप है कि जीतने के बाद मुखिया के गांव में दर्शन नहीं हुए हैं। उनका कहना है कि यदि अविलंब कोयना नदी में पुल नहीं बनाया गया तो चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
किरीबुरू के लेम्ब्रे गांव में ग्रामीणों की मुख्य मांग क्या
हिंदी समाचार वेबसाइट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक गांव में उपायुक्त के निर्देश पर हुई ग्राम सभा की बैठक में ग्रामीणों ने गांव में शुद्ध पेयजल, बिजली, पक्की सड़क, स्कूल में चहारदीवारी निर्माण और कोयना नदी में पुल की मांग की है।
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सार- दी फॉलोअप