झारखंड में डॉक्टरों ने आज से हड़ताल शुरू किया है। आईएमए और झासा के आह्वान पर राज्यभर के 15 हजार से ज्यादा सरकारी और गैरसरकारी डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं। हड़ताल शुक्रवार सुबह 6:00 बजे से शुरू है। हड़ताल के दौरान डॉक्टर इलाज नहीं करेंगे। दरअसल जमशेदपुर के महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल काॉलेज अस्पताल के पीजी छात्र डॉ. कमलेश उरांव से हुई मारपीट को आईएमए ने गंभीरता से लिया है। प्रदेश आईएमए के सचिव डॉ. प्रदीप सिंह ने कहा है कि लगातार डॉक्टरों के साथ हो रही मारपीट की घटना अब बर्दाश्‍त नहीं की जाएगी। उन्‍होंने चेतावनी देते हुए कहा, मारपीट करने वाले अपराधियों को अगर पुलिस प्रशासन 21 सितंबर तक गिरफ्तार नहीं करती है, तो 22 सितंबर से झारखंड भर के 15000 से अधिक डॉक्टर चिकित्सीय सेवा ठप कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। सिर्फ इमरजेंसी सेवा बहाल रहेगी। इस पूरे आंदोलन में आईएमए के साथ झारखंड राज्य स्वास्थ्य सेवा संघ (झासा), जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन सहित निजी डॉक्टरों का समर्थन है। जिसके बाद रिम्स सहित सभी मेडिकल कॉलेज, सदर अस्पताल व निजी क्‍लीनिक व अस्पताल में मरीजों को नहीं देखा जाएगा। मालूम हो कि जमशेदपुर में बुधवार से ही डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। 

आईएमए अध्यक्ष डा. अरूण कुमार सिंह ने बताया कि घटना हुए दो दिन बीत गए हैं, लेकिन अपराधियों को पकड़ा नहीं गया है। चिकित्सकों में काफी रोष है। सभी चिकित्सकों का एक ही सवाल है कि सरकारी मेडिकल कॉलेज में ड्यूटी पर मौजूद सरकारी चिकित्सक के साथ मारपीट की घटना होती है, जिसका प्रशासन के पास वीडियो फुटेज है। बावजूद इसके दोषी व्यक्तियों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह प्रशासन की विफलता है। इसके विरोध में बुधवार को एमजीएम में एक मीटिंग हुई, जिसमें मेडिकल कॉलेज के छात्र संगठन के साथ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन एवं झासा के सदस्यों ने भाग लिया। 

डॉक्‍टरों की ये हैं मांग

1.सभी दोषियों की अविलंब गिरफ्तारी हो और कानून संवत कठोर दंड दिया जाए।

2.सभी मेडिकल कालेज में प्रतिनियुक्ति प्रशासनिक अधिकारी को हटाया जाए और पहले की तरह मेडिकल कालेज की देखरेख का अधिकार निदेशक, अधीक्षक एवं डीन के जिम्मे हो।

3.मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू हो।

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