
रांची : रिम्स निदेशक डॉ. राजकुमार को हटाए जाने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति दीपक रौशन की अदालत ने राज्य सरकार के आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। साथ ही राज्य सरकार सहित अन्य पक्षों को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की विस्तृत सुनवाई अब छह मई को होगी।कोर्ट ने कहा कि यह आदेश स्टिगमैटिक (कलंक लगाकर हटाना) है, जो यह कानून के विरुद्ध है। हटाने की पहले प्रक्रिया अपनाई जाने चाहिए थी। उन्हें एक मौका मिलना चाहिए था। जनहित की बात कहते हुए हुए उन्हें हटाया गया था।उल्लेखनीय है कि 17 अप्रैल को स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के हस्ताक्षर वाला एक लेटर जारी किया गया था जिसके माध्यम से रिम्स के तत्कालीन निदेशक डॉ राजकुमार को बर्खास्त किया था। जिसे डॉक्टर राजकुमार ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।इधर झारखंड में जेल मैनुअल में सुधार और कैदियों की स्थिति को लेकर स्वतः संज्ञान मामले की सुनवाई सोमवार को हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एम.एस. रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में हुई। सुनवाई के दौरान राज्य की गृह सचिव वंदना दादेल कोर्ट में सशरीर उपस्थित हुईं।महाधिवक्ता राजीव रंजन और अधिवक्ता पियूष चित्रेश ने अदालत को अंडरटेकिंग देते हुए आश्वस्त किया कि झारखंड जेल मैनुअल को आगामी 30 दिनों के भीतर नोटिफाई कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि मैनुअल का ड्राफ्ट तैयार है और अब केवल कैबिनेट से मंजूरी लेना बाकी है। कोर्ट ने सरकार को समय प्रदान करते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 जून की तिथि निर्धारित की है।
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