नई दिल्ली । कोई भी पाकिस्तानी, जो सरकार की ओर से तय समय सीमा के भीतर भारत छोड़ने में विफल रहता है, उसे गिरफ्तार किया जाएगा, मुकदमा चलाया जाएगा और उसे 3 साल तक की जेल की सजा या अधिकतम 3 लाख रुपये का जुर्माना या दोनों का सामना करना पड़ सकता है। सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ो नोटिस तब जारी किया था, जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। दक्षेस वीजा धारकों के लिए भारत से बाहर जाने की अंतिम तारीख 26 अप्रैल थी। मेडिकल वीजा रखने वालों के लिए यह अंतिम तिथि 29 अप्रैल है। जिन 12 श्रेणियों के वीजा धारकों को रविवार तक भारत छोड़ना होगा, वे आगमन पर वीजा, व्यापार, फिल्म, पत्रकार, पारगमन, सम्मेलन, पर्वतारोहण, छात्र, आगंतुक, समूह पर्यटक, तीर्थयात्री और समूह तीर्थयात्री हैं। 4 अप्रैल को लागू हुए आव्रजन और विदेशी अधिनियम 2025 के अनुसार, निर्धारित समय से अधिक समय तक रुकना, वीजा शर्तों का उल्लंघन करना या प्रतिबंधित क्षेत्रों में अनाधिकार प्रवेश करने पर तीन साल की जेल और तीन लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को फोन किया और उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि कोई भी पाकिस्तानी देश छोड़ने की निर्धारित समय सीमा से अधिक भारत में न रहे। मुख्यमंत्रियों के साथ अमित शाह की टेलीफोन पर बातचीत के बाद केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने यह सुनिश्चित करने को कहा कि जिन पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए हैं, वे तय समय सीमा तक भारत छोड़ दें। पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंध तब और भी बिगड़ गए, जब नई दिल्ली ने वीजा रद्द करने समेत कई कदम उठाने की घोषणा की। इस्लामाबाद ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए कई कदम उठाए।

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