
सुनीता विलियम्स सुरक्षित और स्वस्थ धरती पर लौट आई हैं. जब उन्हें लेकर आने वाले कैप्सूल ड्रैगन ने फ्लोरिडा के पास समंदर में लैडिंग की तो ये पल मनुष्य की विज्ञान यात्रा का एक अविश्वसनीय पड़ाव था. भारत समेत दुनिया भर में करोड़ों लोग नासा के लाइव टेलिकॉस्ट को अपने गैजेट्स पर देख रहे थे. जैसे ही ड्रैगन कैप्सूल समंदर में छपाक की तेज आवाज से गिरा कुछ ही देर बाद वहां अद्भुत अप्रतिम दृश्य देखने को मिला. समंदर में सुनीता के यान को डॉल्फिन मछलियों ने घेर लिया और वे समुद्र में उछलने लगीं. ऐसा लगा ये मछलियां 9 महीने बाद धरती पर लौटीं सुनीता का स्वागत कर रही हो. ये बहुत खूबसूरत दृश्य था. सुनीता को धरती पर लाने में अहम रोल निभाने वाले उद्योगपति एलन मस्क ने इस वीडियो को एक्स पर रीपोस्ट किया है. इस वीडियो को लाखों लोग देख चुके हैं. गौरतलब है कि इस मिशन के सफल होने के साथ ही स्पेस में 9 महीने से फंसी सुनीता विलियम्स अपने दूसरे साथी बुच विल्मोर धरती पर पहुंच गए हैं. इस मिशन दो अन्य अंतरिक्ष यात्री निक हेग और रूसी अंतरिक्ष यात्री लेग्ज़ेंडर गोर्बूनोव भी स्पेस से आए हैं. भारत के समयानुसार बात करें तो आज तड़के 3 बजकर 58 मिनट पर ड्रैगन कैप्सूल फ्लोरिडा के समंदर में गिरा. इसकी गति को नियंत्रित करने के लिए चार पैराशूट इसके साथ जुड़े हुए थे. जैसे ही ड्रैगन कैप्सूल ने समंदर की सतह को छुआ. चारो पैराशूट धीरे-धीरे गिर गए. इसके बाद NASA ने अपनी कमेंटरी में कहा- …और ये स्प्लैशडाउन है, क्रू-9 धरती पर आ चुका है. अपनी सांसों रोके हजारों लोगों ने इस पल का स्वागत मुस्कुराहटों और तालियों के साथ किया. इसके बाद कंट्रोल सेंटर ने इन आगंतुकों का स्वागत करते हुए कहा, “निक, एलेक, बुच, सुनी…स्पेसएक्स की ओर से घर वापस आने का स्वागत है.”इसके बाद जिज्ञासु डॉल्फिन मछलियों के एक समूह ने ड्रैगन कैप्सूल को चारों ओर से घेर लिया और इसका चक्कर लगाने लगीं. ये बहुत सुंदर तस्वीर थी. इस पोस्ट को एलॉन मस्क ने शेयर किया है. गौरतलब है कि 2024 की जून में सुनीता विलियम्स महज 8 दिनों के लिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन गई थीं. इस मिशन पर बुच विल्मोर भी उनके साथ थे. दिक्कत तब हुई जब बोइंग का जो स्टारलाइनर यान उन्हें धरती पर वापस लाने वाला था, वो खराब हो गया. इसके बाद प्रतीक्षा का लंबा दौर चला. कई बार शेड्यूल बने और आखिरकर डोनाल्ड ट्रंप की सत्ता में वापसी के बाद उन्होंने ये काम एलन मस्क को सौंपा. फिर ये मिशन 19 मार्च 2025 को पूरा हुआ.
स्पेस स्टेशन से धरती पर तक की अंतरिक्ष यात्रा 17 घंटे की थी. ये यात्रा विज्ञान के चमत्कारों और इंसानी कोशिश के सफल का होने का नायाब प्रमाण है।
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