भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विलमोर अंतरिक्ष में नौ महीने बिताने के बाद 19 मार्च को धरती पर लौटने वाले हैं. उन्हें वापस लाने के लिए स्पेस-एक्स का अंतरिक्ष यान इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंच गया है. वहां उनकी जगह लेने के लिए अंतरिक्ष यात्रियों का नया जत्था भेजा गया है. इनमें नासा की ऐनी मैकक्लेन और निकोल एयर्स, जापान के टाकुया ओनिशी और रूस के किरिल पेसकोव शामिल हैं. मैकक्लेन और एयर्स जहां मिलिट्री पायलट हैं, वहीं ओनिशी और पेसकोव पूर्व एयरलाइन पायलट रह चुके हैं. सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर के वापस लौटने के बाद ये अंतरिक्ष यात्री अगले छह महीने तक ISS पर रहेंगे. सुनीता और बुच आठ दिनों के मिशन पर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना हुए थे. हालांकि, बोइंग के स्टारलाइनर यान में तकनीकी खराबी आ गई. इस कारण उन्हें स्पेस स्टेशन में ही रुकना पड़ा और उनका मिशन लगभग 270 दिनों तक बढ़ गया. नौ महीने तक अंतरिक्ष में रहने के बाद सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर आखिरकार 19 मार्च को धरती पर लौटने वाले हैं. हालांकि, इतने लंबे समय तक अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण के बिना रहने के कारण उनके शरीर पर इसका असर पड़ सकता है. वैज्ञानिकों के अनुसार, वे ‘बेबी फीट’ नामक समस्या से जूझ सकते हैं, जिससे उनके पैरों की संरचना प्रभावित हो सकती है।

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