
शारिब खान @ प्रभात मंत्र
नई दिल्ली: रिलायंस जियो और एयरटेल ने एलन मस्क की स्पेसएक्स के साथ समझौतों का ऐलान किया है। ये करार भारत में स्टारलिंक की ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा लाने के लिए हुए हैं। मुकेश अंबानी की जियो और सुनील मित्तल की एयरटेल, स्पेसएक्स की प्रतिद्वंदी कंपनियां हैं। स्पेस एक्स एलन मस्क की कंपनी है। यह स्टारलिंक के जरिये सैटेलाइट इंटरनेट सेवा देती है। जियो और एयरटेल जैसी भारतीय टेलीकॉम कंपनियां भी ब्रॉडबैंड सेवाएं देती हैं। इन दोनों कंपनियों ने स्पेसएक्स के साथ करार कर लिया है। एयरटेल और स्पेस एक्स की साझेदारी के मुख्य बिंदुओ में एयरटेल,अपने स्टोर्स में स्टारलिंक उपकरण बेच सकता है और इसे बिजनेस ग्राहकों को ऑफर कर सकता है। यह साझेदारी ग्रामीण स्कूलों, स्वास्थ्य केंद्रों और दूरदराज के इलाकों में इंटरनेट सेवा पहुंचाने का काम करेगी। स्टारलिंक्क, एयरटेल के नेटवर्क को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है, और स्पेस एक्स, भारत में एयरटेल के बुनियादी ढांचे का उपयोग कर सकता है।एयरटेल पहले से ही यूटेलसेट वन वेब के साथ-साथ मिलकर सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं प्रदान कर रहा है। स्टारलिंक्स के जुड़ने से दूरदराज के क्षेत्रों में इंटरनेट कवरेज बढ़ेगा और बिजनेस व ग्रामीण समुदायों को तेज गति वाली कनेक्टिविटी के अधिक विकल्प मिलेंगे। भारती एयरटेल के प्रबंध निदेशक का कहना है कि स्पेस एक्स के साथ मिलकर भारत में एयरटेल ग्राहकों के लिए स्टारलिंक सेवाएं प्रदान करना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह एयरटेल की अगली पीढ़ी की सैटेलाइट कनेक्टिविटी के प्रति प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है। इधर रिलायंस जियो ने भी भारत में स्टारलिंक हाई-स्पीड सैटेलाइट इंटरनेट लाने के लिए एलन मस्क की स्पेसएक्स के साथ करार कर लिया है।रिलायंस जियो के समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी मैथ्यू ओमन ने इस संबंध में कहा, स्टारलिंक को भारत में लाने के लिए स्पेसएक्स के साथ हमारा सहयोग हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है। यह सभी के लिए निर्बाध ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है। स्टारलिंक को जियो के ब्रॉडबैंड इकोसिस्टम में शामिल करके हम अपनी पहुंच का विस्तार कर रहे हैं। इस एआई संचालित युग में उच्च गति वाली ब्रॉडबैंड सेवाओं की विश्वसनीयता और पहुंच को बढ़ा रहे हैं,जिससे देश भर में समुदायों और व्यवसायों को सशक्त बनाया जा रहा है।जियो ने एक बयान में कहा कि जियो अपने रिटेल आउटलेट्स के साथ-साथ अपने ऑनलाइन स्टोरफ्रंट के माध्यम से भी स्टारलिंक सॉल्यूशन उपलब्ध कराएगा। इस समझौते के जरिए दोनों पक्ष डेटा ट्रैफिक के मामले में दुनिया के सबसे बड़े मोबाइल ऑपरेटर के रूप में जियो और दुनिया के अग्रणी लो अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट कॉन्स्टेलेशन ऑपरेटर के रूप में स्टारलिंक भारत के सबसे ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों समेत पूरे देश में विश्वसनीय ब्रॉडबैंड सेवाएं देने के लिए काम करेंगे। हालांकि यह डील तभी लागू होगी जब स्पेस एक्स को भारतीय सरकार से स्टारलिंक सेवाएं बेचने की अनुमति मिलेगी। बता दें कि मुकेश अंबानी की जियो और सुनील मित्तल की एयरटेल, स्पेसएक्स की प्रतिद्वंदी कंपनियां हैं। इससे पहले दोनों कंपनियों ने सरकार से स्पेसएक्स के भारत में प्रवेश को रोकने की गुहार लगाई थी। माना जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एलन मस्क के प्रति समर्थन और दबाव के कारण यह बदलाव आया है। स्पेस एक्स एलन मस्क की कंपनी है। यह स्टारलिंक के जरिये सैटेलाइट इंटरनेट सेवा देती है। जियो और एयरटेल जैसी भारतीय टेलीकॉम कंपनियां भी ब्रॉडबैंड सेवाएं देती हैं। स्पेस एक्स के आने से बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।स्पेस एक्स के सीईओ एलन मस्क अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चहेते हैं। वह भारत में स्टारलिंक इंटरनेट सर्विस और टेस्ला कार लाने वाले हैं।डोनाल्ड ट्रंप एलन मस्क का खुलकर समर्थक करते हैं। उन्होंने भारत पर दबाव बनाया था कि मस्क को भारत में एंट्री के लिए सहूलियत दी जाए। एलन मस्क डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी के प्रमुख हैं। ट्रंप प्रशासन ने फिजूल के खर्च को खत्म करने के लिए इस विभाग को बनाया है। इसकी कमान मस्क को सौंपी गई है। इस संबंध में विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इंटरनेट सेवा का नियंत्रण विदेशी कंपनियों को दे दिया गया तो भारत की सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है। इधर बताया जा रहा है कि एलन मस्क की कंपनी ने सुरक्षा संबंधी भारत सरकार की शर्तों को मान लिया है। फिर भी स्टारलिंक के लिए भारत के सख्त नियम किसी चुनौती से कम नहीं है। कंपनी को स्पेक्ट्रम आवंटन, डेटा स्टोरेज, सुरक्षा मंजूरियां और लैंडिंग राइट्स जैसी कई मंजूरियां लेनी होंगी। बहरहाल स्टारलिंक के आने से भारत के टेलीकॉम सेक्टर में बड़ा बदलाव आ सकता है। जियो और एयरटेल, जो पहले से ही बाजार में हैं, उन्हें अब नई प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा।स्टारलिंक की मौजूदगी से दूसरी कंपनियों को अपनी सेवाओं और कीमतों में सुधार करना पड़ सकता है। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में भी स्टारलिंक का बड़ा योगदान हो सकता है। दूर-दराज के गांवों, पहाड़ी इलाकों और द्वीपों में भी इंटरनेट पहुंच सकता है, जिससे टेलीमेडिसिन,ऑनलाइन शिक्षा और आपातकालीन सेवाएं बेहतर हो सकती हैं।अब देखना होगा कि स्पेसएक्स, जियो और एयरटेल मिलकर भारत के डिजिटल भविष्य को कैसे आकार देते हैं। कुल मिलाकर यही कहा जा सकता है कि स्पेस एक्स का सौदा भारत के लिए फायदे का भी है और घाटे का भी।
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