
इलाज के अभाव में तड़प रहा है मरीज मुस्तफा रिम्स में
सड़क दुर्घटना में हुआ था घायल,समुचित इलाज नहीं होने के कारण अब तक है बेहोश
करोड़ों की लागत से बनी है रिम्स,गरीबों का टैक्स,जीएसटी का लगा है रुपया
फिर भी असहायों को इलाज के नाम पर किया जाता है बेइमानी
चतरा : चतरा जिला के डटमी पोस्ट बलुरी थाना हंटरगंज निवासी मुस्तफा मियां सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था। किसी तरह लोग एम्बुलेंस के सहारे रांची रिम्स में एडमिड करवा दिया गया है। जहां इलाज के नाम पर मात्र खाना पूर्ति किया जा रहा है। यदि समुचित इलाज की जाएगी तो मुस्तफा की जिंदगी पुनः बहाल हो जाएगी। वहीं उसका शायद कोई नहीं है देखने वाला या रुपया खर्च करने वाला नहीं है। परंतु अफसोस की करोड़ों की लागत से बनी रिम्स अस्पताल रांची के लिए गुणगान होती है लेकिन इलाज के लिए जिसका जितना पहुंच उसका उतना इलाज। ऐसे में गरीबों के लिए मात्र बेड रखा हुआ है जहां उस बेड पर लोग तड़प तड़प कर अपनी जान दे देते हैं और अपनी नाम सरकारी अस्पताल में रजिस्टर करवा लेते हैं मरने में। इस तरह की कुव्यवस्था पर बड़ी सवाल खड़े हो रहे हैं। सरकार बड़ी बड़ी दावों तो करती है स्वास्थ सुविधा के लिए दवाइयां के लिए किंतु रिम्स के मरीजों को समुचित इलाज नहीं पाती है। जिसका जीता जागता उदाहरण बना है घायल मुस्तफा। आपको बता दें कि रिम्स करोड़ों रुपए की लागत से बनी हुई है जहां एक से एक चिकित्सकों को सरकारी तनख्वाह दी जाती है। किंतु वहीं चिकित्सक निजी नर्सिंग होम में बेहतर इलाज कर बीमार लोगों को जिंदगी देने में कोई कोर कर नहीं छोड़ते किंतु वहीं चिकित्सक रिम्स में लापरवाह होकर इलाज कर किसी के जिंदगी को कोई महत्व नहीं दे पाते वैसे में यह रिम्स का होना बेकार है।जो गरीबों के टैक्स, जीएसटी से बनाई गई है जिंदगी देने के लिए।
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