
रांची। दिनांक 7 फरवरी को The movement studio for Pilates and Physiotherapy) का उद्घाटन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर संध्या रानी मेहता(IPS ,DIG,CID)नौशाद आलम(IPS), देव कमल और देवानिका हॉस्पिटल के संस्थापक डॉ अनंत सिन्हा, डॉ तरुण ओडुकिया के साथ साथ कई अन्य लोग शामिल हुए।
तो आइए जानते है, The movement studio for Pilates and Physiotherapy की संस्थापक डॉक्टर शुभालक्ष्मी से हुई खास बातचीत के कुछ अंश:-
- पिलाटेस क्या है?
→ पिलाटेस व्यायाम की एक श्रृंखला है, जो शरीर के सभी प्रमुख मांसपेशी समूहों की गतिशीलता और ताकत को संतुलित तरीके से बढ़ावा देता है। यह शारीरिक व्यायाम विधि विशेष रूप से मांसपेशियों को टोन करने, सही पोस्चर बनाए रखने और शरीर की आंतरिक सहनशक्ति और बाहरी ताकत को बेहतर करने पर ध्यान केंद्रित करती है।
- पिलाटेस की शुरुआत कब और कैसे हुई ?
–> प्रथम विश्व युद्र के दौरान जोसेफ पिलाटेस को इंग्लैंड में नॉकालोए इंटर्नमेंट कैंप में बंदी बना लिया गया था। जहाँ उन्होने अपने साथी बंदियों को अपनी व्यायाम प्रणाली सिखाई और अस्पताल के बिस्तरों पर स्प्रिंग्स जोड़कर बिस्तर पर लेटे हुए मरीजों के लिए व्यायाम की व्यवस्था की।
युद्ध के बाद, जोसेफ पिलाटेस न्यूयोर्क शहर चले गए। जहां उन्होंने 1920 के दशक में पहला पिलाटेस स्टूडियो खोला । यहाँ उन्होने अपनी प्रणाली को और विकसित किया और कई प्रसिद्ध नर्तकों और कंपनियों को प्रशिक्षित किया और कुछ इस प्रकार पिलाटेस की शुरूआत जोसेफ पिलाटेस द्वारा 20वीं सदी की शुरुवात में की गई थी जो समय के साथ विकसित होकर आज एक लोकप्रिय व्यायाम प्रणाली बन गई हैं।
- पिलाटेस के क्या फायदे हैं?
- फलेक्सिबिलिटी बढ़ाना
•) पोस्चर ठीक करना
•) तनाव कम करना
•) शारीरिक एवं मानसिक ताकत बढ़ाना
•) मांसपेशियों की ताकत और टोन में वृद्धि
•)बेहतर शारीरिक समन्वय और संतुलन
•)मस्कुलोस्केलेटल चोटों की रोकथाम
•) बेहतर एकाग्रता
•) ब्रेस्ट कैंसर रिहैबिलिटेशन
•)प्री-नेटल एंड पोस्ट-नेटल पिलाटेस
•) फेफड़ों एवं हृदय स्वास्थ्य में सुधार एवं क्षमता बढ़ाना
•)चोट से उबरने में मदद करता हैं।
- पिलाटेस कितने प्रकार के होते हैं।
→पिलाटेस के मूल दो प्रकार है:-
मैट – बेस्ड पिलाटेस: इसमें पिलाटेस को मैट पर बैठकर या लेटकर किया जाता हैं। इसमें गुरुत्वाकर्षक और बॉडीवेट को रेजिस्टेंस के तौर पर उपयोग किया जाता है।
रिफॉर्मर बेस्ड पिलाटेस:- इसमें एक विशेष पिलाटेस उपकरण पर किया जाता है, जिसे “रिफार्मर” कहा जाता है। रिफॉर्मर के ऊपर एक प्लेटफार्म होता है जो स्लाइड करता हैं। इस प्लेटफार्म पर बैठकर,खड़े होकर, घुटने मोड़कर या झुककर पिलाटेस एक्सरसाइज की जाती है।
- क्या पिलाटेस सिर्फ महिलाओं के लिए है? →
→जी नहीं, पिलाटेस को लो इंटेंसिटी से हाई इंटेंसिटी कस्टमाइज्ड करा सकते हैं, जो की महिला एवं पुरुष दोनों वर्गों के लिए फायदेमंद है। अतः दोनो वर्गों के लोग आसानी से मॉडिफाइड पिलाटेस का लाभ उठा सकते हैं |
- क्या पिलाटेस को किसी इंजरी या किसी अन्य क्रोनिक पेन में किया जा सकता है?
→जी बिल्कुल, पिलाटेस को पोस्ट इंजरी रिहैबिलिटेशन के साथ साथ क्रोनिक पेन में भी किया जा सकता है। जिसकी मदद से मांसपेशियों में ताकत को बढ़ाया जाता है, रीढ़ की हडीयों को मजबूत बनाता है, शरीर का पोश्चर ठीक करता है, माइंड-बॉडी अलाइनमेंट पर काम करता है।
ताकि बेहतरीन लॉन्ग टर्म रिजल्ट मिल सकें ।
7.पिलाटेस पीसीओएस और प्रेगनेंसी में कितना अहम भूमिका निभाता है?
→ प्रे-नेटल और पोस्ट-नेटल में पिलाटेस के मदद से पेल्विक फ्लोर स्ट्रेंदनिंग, यूटेरस् स्ट्रैंदनिंग, कोर मसल्स स्ट्रेन्दनिगं कराने पर ज्यादा ध्यान दिया जाता मेंटल हेल्थ को बेहतर कराता है और स्ट्रेस को कम करता है।
साथ ही पोस्ट नेटल में ऊपरी शरीर के भागों को मजबूत करने और दर्द और जकड़न से निजाद पाने हेतू भिन्न-भिन्न प्रकार के व्यायाम को उपयोग में लाया जाता है।
→पीसीओएस में ओवर वेट लोग अपने वजन के अनुसार कस्टमाइज्ड पिलाटेस का बेहतर लाभ भी बिना किसी नुकसान के उठा सकते हैं।
- पिलाटेस किस उम्र के लोगो के लिए उपयोगी है?
→पिलाटेस को 14 वर्ष से लेकर 80 वर्ष के लोग इंज्वाय कर सकते हैं।
इस मौके पर मौजूद आदित्य मल्होत्रा (FJCCI) डॉ प्रवीन कुमार श्रीवास्तव, डॉ रजनीश कुमार, डॉ राहुल सिन्हा, के साथ साथ डॉ प्रियंका , डॉ ज्योत्स्ना,डॉ शिवानी,डॉ नेहा, डॉ आर्यन, डॉ अफ़ज़ल के साथ साथ कई अन्य लोग मौजूद रहे।
हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करें।
https://chat.whatsapp.com/LnzXi8cnQGtKJUUT78UqXz
