मारवाड़ी कॉलेज में स्वामी विवेकानंद की जयंती उत्साहपूर्वक मनाई गई

रांची, 12 जनवरी : “उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए” – स्वामी विवेकानंद के इस प्रेरणादायक वाक्य को ध्यान में रखते हुए मारवाड़ी कॉलेज के वाणिज्य एवं प्रबंधन अध्ययन विभाग ने उनकी 162वीं जयंती श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को स्वामी विवेकानंद के आदर्शों और शिक्षाओं से प्रेरित करना था।

कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मनोज कुमार ने स्वामी विवेकानंद की जयंती पर सभी छात्र छात्राओं को शुभकामनाएं दी।

डॉ. आर.आर. शर्मा, प्रोफेसर-इन-चार्ज, उप प्राचार्य और वाणिज्य विभागाध्यक्ष व डीन ने स्वामी विवेकानंद के 1893 में शिकागो में दिए गए ऐतिहासिक भाषण पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि यह भाषण न केवल सभी धर्मों के बीच सद्भाव का प्रतीक बना, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की संस्कृति और ज्ञान को पहचान दिलाने वाला भी था। डॉ. शर्मा ने स्वामी विवेकानंद और उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस के गहरे आध्यात्मिक संबंध पर भी चर्चा की, जिन्होंने विवेकानंद को उनके जीवन का मार्गदर्शन दिया।

अंकित शर्मा ने उनके दर्शन के आध्यात्मिक पक्ष पर प्रकाश डालते हुए छात्रों को स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं से प्रेरणा लेने के लिए प्रोत्साहित किया। डॉ. आफ़ताब जमील ने छात्रों को विवेकानंद के साहस और समर्पण को अपनाने और उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संदेश दिया। कृष्ण कांत ने स्वामी विवेकानंद की युवावस्था में मिली सफलता पर चर्चा की और छात्रों से उनके जीवन के पाठों को आत्मसात करने का आग्रह किया।

कार्यक्रम में एम.कॉम और बी.कॉम के छात्रों ने सक्रिय भागीदारी की। इनमें अलीशा, श्रुति, सना खान, ऋषिका, यति झा, साहिबा अख्तर, रूफी परवीन, आसिफ हुसैन, विकास, सैफ हसन, विकास सिंह, गौरव राज और अन्य छात्र शामिल थे। अलीशा और यति झा ने उत्साहवर्धक और प्रेरणादायक भाषण दिए, जिनमें युवाओं को स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को अपनाने और आत्मनिर्भरता व सशक्तिकरण की राह पर चलने के लिए प्रेरित किया।

कार्यक्रम का समापन छात्रों और शिक्षकों द्वारा स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का अनुसरण करने और जीवन में उत्कृष्टता प्राप्त करने के संकल्प के साथ हुआ। यह आयोजन भारत के महान युवा प्रतीक को श्रद्धांजलि था, जिनके विचार आज भी लाखों लोगों को प्रेरणा देते हैं।

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