नई दिल्ली। भारत के दिग्गज क्रिकेटर रविचंद्रन अश्विन ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है. उन्होने ब्रिस्बेन टेस्ट ड्रॉ होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात की जानकारी दी. अश्विन ने कहा कि यह मेरे लिए काफी भावुक समय है. अश्विन को टीम इंडिया में ‘अन्ना’ (बड़ा भाई) भी कहा जाता है. वह गुरुवार (19 दिसंबर को स्वदेश लौट जाएंगे. एडिलेड में पिंक बॉल टेस्ट उनका आखिरी मुकाबला साबित हुआ. अनुभवी ऑफ स्पिनर को 5वें दिन चाय के बाद बारिश के दौरान ड्रेसिंग रूम में सीनियर बल्लेबाज और भारत के पूर्व कप्तान विराट कोहली के साथ लंबी बातचीत करते हुए देखा गया. अश्विन को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सिर्फ एक मैच में खेलने का मौका मिला है. वह एडिलेड में पिंक बॉल टेस्ट में खेले थे और उन्हें दो पारियों में सिर्फ एक सफलता मिली थी. वह पर्थ और ब्रिस्बेन में खेले गए मैच में नहीं खेल सके. अश्विन की जगह ब्रिस्बेन में रवींद्र जडेजा को मौका मिला. ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद टीम इंडिया सीधे इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट मैच खेलेगी. इन सब पहलुओं को देखते हुए 38 साल के अश्विन ने संन्यास ले लिया. अश्विन भारत के लिए 2011 से अब तक 106 टेस्ट मैच खेल चुके हैं. इस दौरान उन्होंने कई मुकाबलों में अपने दम पर टीम को जीत दिलाई. उन्होंने टेस्ट मैचों में 537 विकेट लिए हैं. इस दौरान 37 बार एक पारी में 5 या उससे अधिक विकेट का रिकॉर्ड उनके नाम है. वह टेस्ट मैचों में ऐसा करने वाले दुनिया के दूसरे क्रिकेटर हैं. अश्विन के नाम टेस्ट में 3503 रन भी हैं. उन्होंने 6 शतक और 14 अर्धशतक लगाए हैं. वनडे क्रिकेट की बात करें तो अश्विन ने 116 मैचों में 707 रन बनाए हैं. वहीं, उन्होंने 156 विकेट अपने नाम किए हैं. भारत के लिए अश्विन को 65 टी20 मैचों में खेलने का मौका मिला. इस दौरान उन्होंने 72 विकेट झटके हैं. अश्विन 2011 में वनडे वर्ल्ड कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी जीतने वाली टीम में भी शामिल थे।

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