रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने दावा किया है कि राज्य में अगर बैलेट पेपर के जरिए चुनाव होते को इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार 81 में से कम से कम 75 सीटों पर जीत दर्ज करते। पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने ऑफिशियल हैंडल से इस आशय का पोस्ट किया है। कार्यवाहक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी इस पोस्ट को अपने हैंडल पर साझा किया है। इस पोस्ट में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कहा है, “झारखंड में भाजपा के 11 साल के तानाशाही शासन के खिलाफ झारखंडियों में काफी आक्रोश है, जिसका अंदाजा भाजपा नहीं लगा पा रही है। अगर उन्हें झारखंड में अब वापसी की सोचनी भी है तो जल्द से जल्द हम झारखंडियों का बकाया 1 लाख 36 हजार करोड़ वापस करे।” झारखंड में संपन्न हुए चुनाव में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाले झामुमो-कांग्रेस-राजद और सीपीआई एमएल गठबंधन को 56 सीटों पर जीत हासिल हुई है। झामुमो ने 34, कांग्रेस ने 26, राजद ने 4 और सीपीआई एमएल ने 2 सीटों पर जीत दर्ज की है। राज्य के 24 वर्षों के इतिहास में अब तक किसी गठबंधन को इतनी सीटें नहीं मिली थी। प्रचार अभियान के दौरान हेमंत सोरेन और झामुमो के अन्य नेताओं ने चुनाव आयोग और ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया था। पार्टी के महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था और कहा था कि हरियाणा के चुनाव में कई ईवीएम यूनिटों का 99 प्रतिशत चार्ज पाया जाना, इस संदेह को पुख्ता करता है कि ईवीएम के जरिए गड़बडी होती रही है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक दिन पहले ईवीएम की विश्वसनीयता को पूरी तरह संदिग्ध बताते हुए बैलेट पेपर के जरिए चुनाव की मांग उठाई थी। उन्होंने कहा था कि इस मांग को लेकर राहुल गांधी पूरे देश में ‘बैलेट पेपर यात्रा’ निकालेंगे। अब कांग्रेस की इस मांग से झामुमो ने भी सुर में सुर मिला दिए हैं।
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