Thursday, November 21, 2024

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ED की छापेमारी में लालू के बेटे-बेटियों के घर से कितना कैश और सोना मिला?

11 Mar 2023


प्रभात मंत्र (वेब डेस्क) : राष्ट्रीय जनता दल (RJD) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. CBI के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लालू यादव के रिश्तेदारों के घर छापेमारी की. 'नौकरी के बदले जमीन' केस में ED मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है. छापेमारी पटना, रांची, दिल्ली सहित कई शहरों में हुई है. 'नौकरी के बदले जमीन' केस तब का है जब आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे. आरोप है कि उस दौरान रेलवे में नौकरी लगवाने के बदले में जमीन और प्लॉट लिए गए थे.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, अलग-अलग जगहों पर ED की छापेमारी के दौरान 53 लाख रुपये कैश, 1900 डॉलर की अमेरिकी करेंसी, करीब 540 ग्राम सोना और 1.5 किलोग्राम सोने के आभूषण जब्त किये गए. रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिणी दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके में भी एक घर पर छापेमारी की गई. उस दौरान बिहार के डिप्टी सीएम और लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव मौजूद थे. यह मकान AK इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर रजिस्टर्ड है. केस में इस कंपनी का नाम भी जुड़ा है. हालांकि ED का दावा है कि लालू यादव का परिवार इसका इस्तेमाल आवासीय संपत्ति के रूप में कर रहा है.

इंडिया टुडे से जुड़े अरविंद ओझा की रिपोर्ट के मुताबिक, ED ने गाजियाबाद में भी लालू यादव के रिश्तेदार जितेंद्र यादव के यहां कार्रवाई की. ED की टीम जितेंद्र यादव के घर करीब 16 घंटे तक रही. छापेमारी सुबह करीब साढे़ आठ बजे शुरू हुई थी और देर रात साढे़ बारह बजे तक चली. ED टीम जब छापेमारी के बाद बाहर निकली तो अफसरों के हाथों में कागजात समेत कई और सामान थे.

10 मार्च को इस मामले में ED ने 20 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की. लालू प्रसाद की बेटियों रागिनी यादव, चंदा यादव और हेमा यादव, RJD के पूर्व विधायक सैयद अबू दोजाना, अमित कात्याल, नवदीप सरदाना और प्रवीण जैन के घरों पर भी छापेमारी हुई.

ED की कार्रवाई के बाद लालू यादव ने बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि वे और उनका परिवार संघ और बीजेपी के खिलाफ कभी नहीं झुकेगा. लालू यादव ने ट्वीट किया, "हमने आपातकाल का काला दौर भी देखा है. हमने वह लड़ाई भी लड़ी थी. आधारहीन प्रतिशोधात्मक मामलों में आज मेरी बेटियों, नन्हें-मुन्ने नातियों और गर्भवती पुत्रवधु को भाजपाई ED ने 15 घंटों से बैठा रखा है. क्या इतने निम्न स्तर पर उतरकर बीजेपी हमसे राजनीतिक लड़ाई लड़ेगी?"

एक और ट्वीट में लालू यादव ने लिखा, "संघ और भाजपा के विरुद्ध मेरी वैचारिक लड़ाई रही है और रहेगी. इनके समक्ष मैंने कभी भी घुटने नहीं टेके हैं और मेरे परिवार एवं पार्टी का कोई भी व्यक्ति आपकी राजनीति के समक्ष नतमस्तक नहीं होगा."
अब इस मामले में CBI ने तेजस्वी यादव को भी 11 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया है. इससे पहले उन्हें 4 फरवरी को बुलाया गया था लेकिन वो जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए थे. सूत्रों के मुताबिक, CBI ने यह समन 'नौकरी के बदले जमीन' केस में मिले दस्तावेजों के आधार पर जारी किया है. इससे पहले दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू यादव, राबड़ी देवी, उनकी बेटी मीसा भारती सहित 14 आरोपियों को समन जारी किया था. ये सभी 15 मार्च को कोर्ट के सामने पेश होंगे.

CBI ने पिछले साल अक्टूबर में इस केस में चार्जशीट दायर किया था. इसमें आरोप लगाया कि लालू यादव और उनके परिवार के लोगों ने नौकरी देने के नाम पर पटना के सात व्यक्तियों से सस्ती कीमत पर जमीनें लिखवा ली या फिर उनसे गिफ्ट के रूप में ले ली. जांच एजेंसी ने दावा किया कि आरोपियों ने रेलवे अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके इस कथित घोटाले को अंजाम दिया. चार्जशीट के मुताबिक ये जमीनें उस समय के सर्किल रेट की तुलना में काफी कम कीमत पर ली गई थीं. CBI ने यह भी कहा कैंडिडेट्स ने फर्जी ट्रांसफर सर्टिफिकेट का इस्तेमाल किया और यही फर्जी दस्तावेज रेल मंत्रालय के पास जमा किया था.

CBI के मुताबिक, पटना में करीब 1,05,292 स्क्वायर फीट जमीन को लालू परिवार को दे दिया गया था, जिसमें से जमीन के पांच टुकड़ों की ब्रिक्री हुई थी और दो गिफ्ट के रूप में दिए गए थे. अधिकारी ने कहा कि बेचने वाले व्यक्ति को कैश में पैसे दिए गए थे. सितंबर 2021 से इस मामले में CBI ने जांच शुरु की थी, जिसके आधार पर एजेंसी ने पिछले साल 18 मई को यादव और अन्य 15 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की थी. CBI के मुताबिक इस नियुक्ति को लेकर कोई विज्ञापन जारी नहीं किया गया था.