Wednesday, July 3, 2024

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1.5 लाख घरों की रजिस्ट्री में हो सकती है देरी

30 Nov 2022


रियल एस्टेट क्षेत्र के निकाय क्रेडाई-एनसीआर ने मंगलवार को नोएडा और ग्रेटर नोएडा के विकास प्राधिकरणों से आग्रह किया कि भूमि बकाया पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाए. क्रेडाई-एनसीआर ने कहा कि रियल एस्टेट कारोबारियों को दिवालिया होने से बचाने और घर खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए ऐसा करना जरूरी है. संगठन ने एक बयान में कहा कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा के 100 से अधिक रियल एस्टेट डेवलपर्स ने इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए एक आंतरिक बैठक की. इस बैठक में मांग की गई कि अधिकारियों को एकमुश्त समाधान योजना लानी चाहिए, ताकि बिल्डरों को राहत मिल सके.

उच्चतम न्यायालय द्वारा 10 जून, 2020 के अपने आदेश को वापस लेने के बाद नोएडा और ग्रेटर नोएडा के रियल एस्टेट डेवलपर्स बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. इस फैसले में विभिन्न बिल्डरों को पट्टे पर दी गई जमीन के बकाया पर आठ प्रतिशत की ब्याज दर तय की गई थी.

इसके बाद विकास प्राधिकरणों ने बिल्डरों को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है, जिसमें उन्हें भूमि आवंटन से संबंधित बकाया राशि का भुगतान करने के लिए कहा गया है.

क्रेडाई-एनसीआर ने कहा कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों द्वारा उच्चतम न्यायालय के आदेश को पूरी तरह लागू करने से इन दो शहरों में 1.5 लाख घरों की रजिस्ट्री में देरी हो सकती है और रियल्टी कारोबारी दिवालिया हो सकते हैं.