परवेज कुरैशी
रांची। इंडिया गठबंधन ने 56 सीटों पर जीत हासिल करके बहुमत की सरकार बनाने में सफल रहा । झारखंड मुक्ति मोर्चा 34 सीटें,कांग्रेस 16 सीटें, आरजेडी 4, माले 1 और 1 कुल 56 सीटें हैं। हेमंत सोरेन 28 नवंबर 2024 को मोरहबादी के ऐतिहासिक मैदान में दूसरी बार शपथ लेंगे । इस मौके पर कई और विधायक मंत्री पद का शपथ लेंगे। बता दें कि इस बार 12 मंत्रियों की कैबिनेट होगा। इसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा से छह, कांग्रेस से चार, आरजेडी से दो और माले से एक-एक विधायक को मौका मिलने की संभावना है। इस पूरी भीड़ में झारखंड मुक्ति मोर्चा से मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन शपथ लेंगे, तो वहीं तमाड़ विधायक विकास सिंह मुंडा को भी मौका मिल सकता है, क्योंकि वे तीसरी बार लगातार विधायक चुने गये हैं ।
विकास मुंडा को मिल सकता है मंत्री पद:
तमाड़ खूंटी संसदीय क्षेत्र और रांची जिला के अंतर्गत आता है। मुंडा जनजाति का बहुल क्षेत्र है , देखा जाए तो इन्हें मौका मिलने की पूरी संभावना है। क्योंकि खूंटी से भाजपा ने 2014 में नीलकंठ सिंह मुंडा को मंत्री बनाया था और खूंटी संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत भगवान बिरसा मुंडा का जन्मस्थली भी है । यह क्षेत्र काफी पिछड़ा हुआ भी है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी खूंटी पर ही केंद्रित करते हैं। वे खूंटी आ चुके हैं , और कई बार भाजपा केंद्रीय मंत्रियों गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई मंत्रियों का आना लगा रहता है। इसलिए हेमंत सोरेन इस मंत्रिमंडल में खूंटी संसदीय क्षेत्र को प्राथमिकता अगर देते हैं तो उसे प्राथमिकता में विकास सिंह मुंडा प्रथम नंबर पर आते हैं , इसलिए संभावनाएं अधिक बन रही है। विकास मुंडा को मंत्री बनाए जाने पर यहां पर विकास बड़ी तेजी से की जा सकती है और पूरा खूंटी संसदीय क्षेत्र में झारखंड मुक्ति मोर्चा एक बार फिर से मजबूत स्थिति में नजर आएगी , क्योंकि इस क्षेत्र में झारखंड मुक्ति मोर्चा पहली बार मजबूती के साथ जीत हासिल की है। वहीं खूंटी संसदीय क्षेत्र में भी लोकसभा चुनाव के दौरान तमाड़ विधानसभा से कांग्रेस की उम्मीदवार कालीचरण मुंडा को काफी वोट दिलाने में विकास मुंडा ने अहम भूमिका निभाई थी। इसलिए भी इस समीकरण में विकास सिंह मुंडा सटीक बैठते हैं। इसलिए इन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है और कल्याण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। इसके अलावा हफीजुल हसन, बसंत सोरेन, दीपक बिरुवा और रामदास सोरेन को मंत्रिमंडल में शामिल करने की ज्यादा संभावनाएं हैं। वहीं कांग्रेस के चार कोटे से दीपिका पांडे क्योंकि पूर्व में भी कृषि मंत्री रह चुकी है तो इस बार ओबीसी समीकरण को देखते हुए इन्हें प्राथमिकता दी जाएगी, तो वहीं पौडैयाहाट है से प्रदीप यादव भी इस समीकरण में आ सकते हैं, हालांकि दीपिका पांडेय की दावेदारी मजबूती दिख रही है , तो वहीं एक बार फिर से डॉक्टर इरफान अंसारी और राधा कृष्ण किशोर या फिर कांके से पहली बार कांग्रेस को जीत दिलाने वाले विधायक सुरेश बैठा को मौका मिल सकता है। दोनों एससी कोटे से आते हैं और सुरेश बैठा कांके में पहली बार कांग्रेस सीट जीती है, तो इसलिए इन्हें मौका दे सकती है । पूर्व मंत्री आलमगीर आलम की पत्नी सबसे अधिक वोटों से जीत हासिल की है निशात आलम पर बात हो रही थी, लेकिन लगता है इन्हें मौका नहीं मिलेगा। इनकी जगह पर अगर किसी महिला को अगर देना हो तो दीपिका पांडेय या फिर नेहा शिल्पी तिर्की शामिल हो सकती है, यदि दीपिका को मौका मिलेगा तो नेहा शिल्पी तिर्की को नहीं और यदि नेहा शिल्पी तिर्की को मौका मिलेगा तो दीपिका के स्थान पर प्रदीप यादव को मौका दिया जाएगा । वहीं आरजेडी से संजय यादव को मौका मिल सकता है और सुरेश पासवान पर पुना विचार किया जा सकता है लेकिन आरजेडी कोशिश करेगी कि यादव वोट पर। माले से किसी एक को मंत्री पद दिया जा सकता है।
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