जेपीएससी प्रथम और द्वितीय परीक्षा में गड़बड़ी की जांच को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने सीबीआई से पूछा कि किन-किन आरोपित के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मिली है। इस पर सीबीआई ने जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा है। इससे पहले सीबीआई ने बताया कि इस मामले की जांच चल रही है। सीबीआई की ओर से सीलबंद रिपोर्ट अदालत में पेश किया गया। गौरतलब है कि पहली और दूसरी जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में गड़बड़ी की जांच पहले निगरानी ब्यूरो कर रही थी। बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी गई। इसमें कई आरोपितों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति नहीं मिलने के कारण मामले में ट्रायल शुरू नहीं हो सका। इसे लेकर हाईकोर्ट ने सीबीआई से पूछा था कि किस-किस के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मिली है और किस पर नहीं मिली है। बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में यह सुनवाई हुई।
सरकार के आदेश को कोर्ट ने किया था निरस्त
इसी बेंच में प्रथम और द्वितीय सिविल सेवा परीक्षा के मामले में एकलपीठ के आदेश के खिलाफ सरकार की अपील याचिका पर भी सुनवाई सूचीबद्ध थी। जेपीएससी के प्रथम और द्वितीय सिविल सेवा परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप के बाद सरकार ने 2011 में एसीबी जांच का आदेश दिया था। एसीबी ने जांच के बाद 15 सफल उम्मीदवारों के चयन में गड़बड़ी पाते हुए उनकी नियुक्ति रद्द करने की सिफारिश की थी। सरकार ने एसीबी की सिफारिश के बाद सभी की नियुक्ति रद्द कर दी। नियुक्ति रद्द करने के आदेश के खिलाफ सफल उम्मीदवारों ने एकलपीठ में याचिका दायर की थी। एकलपीठ ने सरकार के नियुक्ति रद करने के आदेश को निरस्त कर दिया था। एकलपीठ के आदेश के खिलाफ सरकार ने खंडपीठ में अपील दाखिल की है.