हजारीबाग। हजारीबाग में एनटीपीसी के लिए हुए भूमि अधिग्रहण के दौरान कथित रूप से हुए तीन हजार करोड़ के भूमि-मुआवजा घोटाला की जांच के लिए दायर याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. साथ ही अदालत ने इस केस के याचिकाकर्ता मंटू सोनी पर एक लाख का जुर्माना भी लगाया है. सुनवाई के दौरान अदालत में एनटीपीसी की ओर से उपस्थित वरीय अधिवक्ता अजित कुमार ने कोर्ट को बताया कि मंटू सोनी पर आपराधिक मामले दर्ज हैं और उसकी जानकारी छिपाकर उन्होंने यह याचिका दाखिल की है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई।
जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी टीम गठित हुई थी
दरअसल वर्ष 2016 में हजारीबाग में भूमि-मुआवजा से संबंधित गड़बड़ियों के सामने आने के बाद तत्कालीन डीसी मुकेश कुमार की अनुसंशा पर राज्य सरकार ने रिटायर्ड आईएएस अधिकारी देवाशीष गुप्ता की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआईटी टीम गठित की थी. एसआईटी की टीम ने राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट में 3000 करोड़ के भूमि मुआवजा घोटाले किए जाने और 300 करोड़ मुआवजा बांट दिए जाने की जानकारी दी थी. प्रार्थी के मुताबिक, राज्य सरकार द्वारा कार्रवाई के नाम पर अब तक सिर्फ एनटीपीसी के प्रबंध निदेशक और हजारीबाग उपायुक्त को पत्राचार किया गया है. वहीं देवाशीष गुप्ता की अध्यक्षता वाली एसआईटी की रिपोर्ट फिलहाल सार्वजनिक नहीं की गई है. जानकारी के मुताबिक, रिपोर्ट में कई रसूखदारों द्वारा सरकारी गैर मजरुआ खास-आम भूमि,सार्वजनिक उपयोग की जाने वाली जमीन,श्मशान घाट,स्कूल,मैदान आदि जमीनों का भी फर्जी कागजात बनाकर मुआवजे का बंदरबांट किया गया था. मामले की जांच के लिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई थी.