November 24, 2024

जयपुर। चक्रवात बिपरजॉय की तूफानी चाल से राजस्थान के चार जिलों जालोर, सिरोही, बाड़मेर और राजसमंद में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। तूफान के असर से आसपास प्रदेश के कई जिलों में बारिश जारी है। पाली में रविवार रात दो लोगों की पानी में बहने से मौत हो गई। बीते तीन दिन में इस आपदा के कारण सात लोग जान से हाथ धो बैठे।

आपदा राहत विभाग के सचिव पीसी किशन ने बताया कि तूफान से जनहानि नहीं हुई है लेकिन भयंकर बारिश से चार जिलों बाड़मेर, जालोर, पाली, सिरोही में बाढ़ आ गई। यहां एक ही दिन में इतनी बारिश हुई है जो पूरे साल की बारिश से 20 गुना ज्यादा है। बचाव के लिए एनडीआरएफ की चार टीमें और एसडीआरएफ की 30 टीमें इन जिलों में तैनात गई हैं।

स्टेट कंट्रोल रूम के मुताबिक चार जिलों में 20 हजार से ज्यादा बिजली के पोल उखड़े हैं। यानी औसतन हर जिले में 5000 के आसपास बिजली के पोल उखड़े हैं। कच्चे मकानों के ढहने की संख्या 2000 से ज्यादा हो सकती है। मवेशियों की मौत के आंकड़े अभी नहीं आए हैं।

बताया गया है कि पाली में अलवर निवासी 37 साल के मनोज यादव स्कॉर्पियो में जा रहे थे। फालना थाना क्षेत्र में बेडल गांव के पास सड़क पर बहकर आ रहे बरसाती पानी में उनकी गाड़ी बह गई। हादसे में डूबने से उनकी मौत हो गई। रेस्क्यू कर शव और गाड़ी को निकाला गया है। इसी तरह फालना के शिवाजी नगर निवासी 50 साल के पकाराम पुत्र जेकाराम जोगी घर के पास नाले में बह गया।

इससे पहले रविवार को डूबने और चट्टान के नीचे दबने से चार लोगों की और 17 जून को एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। तूफान के कारण जालोर, सिरोही, बाड़मेर और राजसमंद में बाढ़ के कारण हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के लिए एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की मदद ली गई है। मानसून से पहले बरसाती नदियां उफान पर है। बांधों में पानी की आवक शुरू हो गई। गुजरे 24 घंटे में अजमेर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, सिरोही, उदयपुर समेत कई जगह भारी से अतिभारी बारिश हुई।

चक्रवात के कारण सबसे ज्यादा बरसात जालोर में हुई। यहां 36 घंटों में (17 जून सुबह 8:30 बजे से 18 जून शाम 8:30 बजे तक) 456 मिलीमीटर यानी 18 इंच बरसात हुई है। इसी तरह आहोर (जालोर) में 471, भीनमाल 217, रानीवाडा 322, चितलवाना 338, सांचोर 296, जसवंतपुरा 332, बागोड़ा में 310 और सायला में 411 मिलीमीटर बरसात मापी गई। जालोर, सिरोही, राजसमंद समेत कई जगह भारी बारिश के कारण सड़क और रेल मार्ग प्रभावित हो गया। रेलवे ने जोधपुर से होकर जालोर के रास्ते जाने वाली 11 ट्रेनों का संचालन 19 जून तक रद्द कर दिया है। जबकि, तीन ट्रेन को मारवाड़ जंक्शन, पालनपुर होकर संचालित किया। वहीं उदयपुर-अजमेर के रूट पर चलने वाली 10 से ज्यादा गाड़ियां आधा से लेकर दो घंटे तक की देरी से संचालित हुई।

बाड़मेर जिले में 25 साल बाद पहली बार एक ही दिन में इतनी बारिश हुई है। सिवाना में बीते 48 घंटे में रिकॉर्ड 234 मिलीमीटर बारिश हुई। समदड़ी व बालोतरा में रुक-रुक कर 40 घंटे तक बारिश होती रही। जिले के चौहटन, सेड़वा और धोरीमन्ना में 12-12 इंच बारिश हुई है। बाड़मेर जिले के सबसे बड़े मेली बांध में 10 फीट से ज्यादा पानी आ गया है। जालोर के भीनमाल में रेलवे स्टेशन के पास स्थित नीबाली नाले के पास कटाव होने से पानी रेलवे स्टेशन होते हुए निचले इलाकों में घुस गया। एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीम ने अब तक 39 लोगों को बाहर निकाला है।

पाली शहर में शनिवार रात करीब 10 बजे शुरू हुई बरसात रविवार दोपहर थमी। भारी बारिश से शहर में कई सड़कें टूट गई, बिजली के पोल टूट गए, वहीं करंट लगने से दो लोगों की मौत हो गई। जिले के जवाई बांध और हेमावास बांध में बारिश से पानी की अच्छी आवक हुई। कई गांवों का आपस में संपर्क टूट गया। लगातार हुई बारिश के चलते पाली जिले के अधिकांश क्षेत्रों में 17 घंटे तक लाइट गुल रही।

राजसमंद के कुंभलगढ़ क्षेत्र में शनिवार रात से बारिश शुरू हुई। रविवार शाम तक आठ इंच से ज्यादा बारिश हुई। केलवाड़ा के दर्जियों मोहल्ले में एक कच्चा मकान भी गिर गया। कुंभलगढ़ रोड में रॉक वैली होटल का गार्डन खाई में ढह गया। सिरोही जिले में सबसे ज्यादा 360 मिलीमीटर बारिश माउंट आबू में हुई। यहां की प्रसिद्ध नक्की झील ओवरफ्लो हो गई। शिवगंज तहसील मुख्यालय पर 315 मिलीमीटर, रेवदर तहसील में 243, आबूरोड में 203, देलदर में 20, पिंडवाड़ा में 176 और सिरोही में 125.6 मिलीमीटर बरसात हुई।

जयपुर मौसम केंद्र ने सोमवार को टोंक, बूंदी, कोटा, बांरा, दौसा, सवाईमाधोपुर, करौली में भारी बारिश की संभावना जताई है। कोटा और बूंदी जिले के लिए रेड अलर्ट और अन्य जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जबकि, अजमेर, जयपुर, भीलवाड़ा, चित्तौड़, झालावाड़, धौलपुर के लिए यलो अलर्ट है। मौसम केंद्र जयपुर के मुताबिक 19 और 20 जून को बिपरजॉय का असर भरतपुर, कोटा संभाग के जिलों में रहेगा। चक्रवात और कमजोर होकर डिप्रेशन से लो प्रेशर एरिया में कन्वर्ट होगा।

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