राज्य की तीन नदियां तीन स्थान पर खतरे के निशान से ऊपर

गुवाहाटी। असम समेत पूरे पूर्वोत्तर और पड़ोसी देश भूटान में पिछले एक सप्ताह से लगातार हो रही बारिश के चलते राज्य के 14 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। कई नदियों के तटबंध टूट गए हैं। सड़कों को भी नुकसान हुआ है। प्रशासन पूरी तत्परता के साथ बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहा है। असम राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया है कि राज्य के 13 जिलों में बाढ़ आई है. राज्य की तीन नदियां तीन स्थान पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. इनमें पुठीमारी नदी (एनएच रोड क्रॉसिंग), कपिली नदी (कामपुर), ब्रह्मपुत्र (नेमातीघाट) में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. नगांव जिला के कामपुर इलाके में बाढ़ की स्थिति में कोई सुधार नहीं है. कामपुर के गोसाई गांव में कपिली नदी के पानी ने प्रेमजान तटबंध को तोड़ दिया, जिसके चलते नये-नये इलाकों में बाढ़ आ गयी है. हजारों बीघा कृषि पानी में डूब गयी है. केकुरीबारी में सड़क पर पानी बह रहा है, जिसके चलते सड़क का काफी हिस्सा बह गया है. इस बीच लगातार हो रही मूसलाधार बरसात के चलते नगांव जिला के रोहा शहर के वार्ड नंबर 8 में भारी जल जमाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. इसलिए कई परिवारों को अपना घर छोड़कर ऊंचाई वाले क्षेत्र में स्थित नामघर में शरण लेनी पड़ी है. भारी बरसात के कारण राष्ट्रीय उद्यान काजीरंगा के बूढ़ा चापरी वनांचल के कुछ हिस्से बाढ़ के पानी में डूब गये हैं. हालांकि, अभी तक ब्रह्मपुत्र का पानी काजीरंगा उद्यान में प्रवेश नहीं किया है. इस कड़ी में उद्यान के निकटवर्ती कलियाबर के हातीमुरा पहाड़ पर हाथियों का एक झुंड इन दिनों आश्रय लिये हुए है. स्थानीय लोगों ने बताया है कि हातीमुरा पहाड़ पर स्थित दुर्गा मंदिर परिसर में छोटे-बड़े कुल 15 जंगली हाथियों ने आश्रय लिया है. इलाके में हाथियों की मौजूदगी से ग्रामीण बेहद डरे हुए हैं. असम राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने शनिवार (Saturday) शाम तक के जारी आंकड़ों में बताया है कि बाढ़ प्रभावित 13 जिलों और अनुमंडलों में बिश्वनाथ, दरंग, धेमाजी, डिब्रूगढ़, होजाई, लखीमपुर, नगांव, शोणितपुर, तिनसुकिया, उदालगुरी के साथ ही कछार, कामरूप (मेट्रो) और नलबाड़ी जिलों के शहरी क्षेत्र शामिल हैं. बाढ़ से 23 राजस्व सर्किल अंतर्गत 146 गांवों के 37535 लोग प्रभावित हुए हैं. बाढ़ से कुल 1409.65 हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है. बाढ़ प्रभावितों के लिए कुल 19 राहत शिविर स्थापित किये गये हैं, जबकि 17 राहत वितरण केंद्र खोले गए हैं. राहत शिविरों में अब तक कुल 9 लोग रहे हैं, जिसमें 4 पुरुष, 4 महिला एवं एक गर्भवती महिला शामिल है. बाढ़ से राज्य के कुल 45492 पशु धन प्रभावित हुए हैं. इसमें बड़े पशुओं की कुल संख्या 33400, छोटे 11980 तथा 112 कुक्कुट शामिल हैं. बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव अभियान के लिए एसडीआरएफ की एक नौका तथा मेडिकल 3 टीमें तैनात की गयी हैं. आज बाढ़ प्रभावितों के बीच खाद्य सामग्रियों का वितरण किया गया, जिसमें 524.17 क्विंटल चावल, 96.60 क्विंटल दाल, 26.37 क्विंटल नमक, 2472.14 लीटर सरसों का तेल, पशुओं के लिए गेंहू का चोकर 222.00 क्विंटल, चावल की भूसी 303.00 क्विंटल शामिल हैं. बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए बुनियादी ढांचों में कुल 8 जिलों में तटबंध क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिसमें बिश्वनाथ, दरंग, धेमाजी, ग्वालपारा, करीमगंज जिला शामिल हैं. 8 स्थानों पर दरंग, ग्वालपारा, कामरूप, तामुलपुर में सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं. शोणितपुर जिला में एक पुल क्षतिग्रस्त हुआ है, जबकि, डिमा हसाउ और कामरूप (मेट्रो) जिला में भूस्खलन भी हुआ है. राज्य सरकार (State government) की ओर से बाढ़ प्रभावित इलाकों में सभी तरह के आवश्यक कदम उठाए जाने के निर्देश दिए गए हैं.

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