
मुंबई । छत्तीसगढ़ और बंगलूरू के दो लोगों से नवी मुंबई के एक मेडिकल कॉलेज में प्रबंधन कोटे के तहत पीजी कोर्स की सीटें दिलाने के नाम पर कथित तौर पर 77.61 लाख रुपये ठगे गए। नवी मुंबई के नेरुल पुलिस ने इस संबंध में छह लोगों के खिलाफ दो मामले दर्ज किए हैं। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ के 59 वर्षीय एक व्यक्ति ने पुलिस में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया कि छह आरोपियों ने उसकी बेटी को नेरुल स्थित एक प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में जनरल सर्जरी कोर्स में स्नातकोत्तर सीट दिलाने का वादा किया था। मई 2022 से दिसंबर 2023 के बीच आरोपियों ने कथित तौर पर उससे 1.27 करोड़ रुपये ठगे। नेरुल पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि बाद में व्यक्ति को पता चला कि प्रवेश की पुष्टि का संदेश, ज्वाइनिंग लेटर और कॉलेज के दस्तावेज समेत सबकुछ फर्जी थे। जब शिकायतकर्ता ने कॉलेज में दाखिले के बारे में पूछताछ की तो आरोपी ने 85 लाख रुपये लौटा दिए, लेकिन बाकी 42 लाख रुपये वापस नहीं किए। बची राशि वसूल करने में पीड़ित को समस्या हुई तो उसने पुलिस से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि आरोपी ने प्रवेश पत्र जारी करने के लिए जाली कॉलेज लेटरहेड का भी इस्तेमाल किया। शिकायतकर्ता को फर्जी आधिकारिक संचार के साथ गुमराह भी किया गया। यह एक सुनियोजित साजिश का मामला लगता है। पुलिस ने छह आरोपियों में से तीन से जुड़े एक और ऐसे ही मामले का खुलासा किया है। इसमें बंगलूरू के पनाथुर के 54 वर्षीय व्यक्ति ने आरोप लगाया कि आरोपी ने उसके भतीजे को एमडी एनेस्थीसिया कोर्स के लिए उसी मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिलाने का वादा करके उससे 35.61 लाख रुपये ठग लिए। अधिकारी ने बताया कि दूसरे मामले में भी धोखाधड़ी मई 2022 और दिसंबर 2023 के बीच की गई। आरोपी ने शुरू में 50 लाख रुपये लिए, लेकिन केवल 4.39 लाख रुपये वापस किए और फिर पीड़ित के बार-बार कॉल और संदेशों का जवाब देना बंद कर दिया। उन्होंने बताया कि बंगलूरू के शिकायतकर्ता को फर्जी दस्तावेज भी दिए गए, जिसमें कथित तौर पर मेडिकल काउंसलिंग कमेटी से प्राप्त प्रोविजनल अलॉटमेंट लेटर, जाली यूनिवर्सिटी लेटर, फीस स्ट्रक्चर, जॉइनिंग लेटर और रसीद शामिल थी। हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या और लोग भी इसी तरह के घोटाले के शिकार हुए हैं?

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