
रवींद्र उपाध्याय @ प्रभात मंत्र
रांची : 10 मार्च दिन सोमवार को झारखंड विधानसभा का सत्र काफी गहमा-गहमी, हो-हल्ला और हंगामों से परिपूर्ण था। इसके तह में था झारखंड में बढ़ते अपराध और लाइन ऑर्डर की समस्या। अभी हाल ही में झारखंड में हुए दो महत्वपूर्ण घटनाक्रमों ने राज्य को झंकझोर कर रख दिया है। हर कोई राज्य में गिरते विधि व्यवस्था पर सवाल खड़ा करने लगा था। यहां तक कि सोमवार को दिन भर सदन में विधि व्यवस्था को लेकर हंगामा बरपा। डीजीपी के एक बयान को लेकर हंगामा और भड़क गया था। बता दें कि झारखंड के हजारीबाग में एनटीपीसी के डीजीएम कुमार गौरव की हत्या और रांची में कोयला कारोबारी बिपिन मिश्रा पर जानलेवा हमला को लेकर यहां की राजनीति पूरी तरह से गर्म है। विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है। इस मामले में डीजीपी ने सोमवार को विधानसभा परिसर में पत्रकारों के एक सवाल के जबाब में कहा था कि अपराधियों की पहचान हो गई है। एसआईटी पूरे मामले की जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में जो भी बड़ी घटना होती है,वह जेल में बंद अमन साहू, अमन श्रीवास्तव और विकास तिवारी गिरोह के द्वारा कराई जाती है। इसके लिए विदेशी नंबरों का इस्तेमाल कर व्हाट्सएप से धमकी दी जाती है और उसके बाद घटना को अंजाम दिया जाता है। डीजीपी ने कहा कि जेल से संचालित होने वाली घटना को रोकथाम के लिए गठित एटीएस को भारतीय दंड संहिता की धारा 111 के तहत ऐसे संगठित गिरोह पर कार्रवाई करने का अधिकार है।अमन साहू गिरोह के 30 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। जेलों में छापेमारी भी की जा रही है। डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा था कि मुझे उम्मीद है जल्द ही अपराधियों को पकड़ने में हम सफल होंगे और पूरे मामले का खुलासा करेंगे। जेल में चल रही आपराधिक गतिविधि की रोकथाम के लिए कई कैदियों को एक जेल से दूसरे जेल में ट्रांसफर किया जा रहा है। डीजीपी ने कहा था, उम्मीद है कि जेल में होने वाली आपराधिक गतिविधि पर रोकथाम करने में हम सफल होंगे। उन्होंने गैंगस्टर विकास तिवारी,अमन साहू और अमन श्रीवास्तव का नाम लेकर भरोसा दिलाया कि जल्द ही मामले का खुलासा कर लिया जाएगा। इधर झारखंड विधानसभा में शून्यकाल की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायक सीपी सिंह ने विधि व्यवस्था का मामला उठाया था। उन्होंने कहा था कि किसी व्यक्ति का जीना दुभर हो गया है.सरकार के कानों पर जू तक नहीं रेंग रही है। यहां के डीजीपी बेशर्म हैं। वे कहते हैं कि जो भी घटनाएं हो रही है उसकी प्लानिंग जेल से हो रही है। सीपी सिंह ने कहा था, क्या जेल झारखंड से बाहर है? अगर प्लानिंग जेल से हो रही है तो फिर उद्भेदन क्यों नहीं किया जा रहा। रिमांड पर लेकर पूछताछ करनी चाहिए। किसी का जीवन सुरक्षित नहीं, चाहे विधायक हों, मंत्री हो या फिर जनता। इस पर सरकार को जवाब देना चाहिए। झारखंड में बढ़ते अपराध को लेकर यह सब बवाल सोमवार को हुआ। अपराध को लेकर बवाल हुए 24 घंटे भी नहीं बीते कि मंगलवार की सुबह-सुबह पूरे राज्य में यह समाचार आग की तरह फैल गया कि झारखंड का कुख्यात अपराधी अमन साहू एनकाउंटर में मारा गया।सोमवार को झारखंड विधानसभा के बाहर और भीतर जो कुछ हुआ उसका रिजल्ट तुरंत मंगलवार को मिल गया। अमन साहू के पुलिस मुठभेड़ में ढेर होने के एक दिन पूर्व ही डीजीपी ने इसके नाम का जिक्र किया था। अमन साहू का नेटवर्क धनबाद, रांची, रामगढ़, चतरा, हजारीबाग, पलामू, लातेहार, बोकारो जैसे झारखंड के तमाम जिलों में फैला हुआ था। साहू के रडार पर कोल माइनिंग कंपनियां, कोयला व्यवसायी और ट्रांसपोर्ट फील्ड के बिजनेसमैन रहते थे। साहू इनको अपना टारगेट बनाकर इनसे रंगदारी की मांग करता था और जो उसकी बात नहीं मानता उसके गुर्गे उसे गोलियों से भून देते थे। अमन साहू और उसके गैंग की गतिविधियाँ झारखंड के अलावा छत्तीसगढ़ तक फैली हुई थीं। अपराधी अमन साहू पर झारखंड के विभिन्न जिलों और छत्तीसगढ़ में 100 से अधिक मामले दर्ज है। इस गिरोह के पास एडवांस हथियार है। जिसके दम पर वह अपने खौफनाक मंसूबों को अंजाम देता था।
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