27 Mar 2023
प्रभात मंत्र (पाकुड़) : जिले में कोयले की आर्थिक चोरी का रिश्ता चोली और दामन का रहा है। बात वर्षो पुरानी है, लेकिन घटना में कोई नयापन नही है। एक डम्फर पचुवाड़ा कोल ब्लॉक से लोटामार रेलवे साइडिंग के लिए चलता है। अचानक डम्फर रास्ता भटक कर तथाकथित ढंग से लोटामार की जगह बंगाल की तरफ बढ़ जाता है। गुप्त सूचना पर कार्रवाई होती है और डम्फर पकड़ा जाती है। केश भी दर्ज हो जाती है। लेकिन चूंकि डम्फर प्रशासन से नजदीकी रखने वाले एक ट्रांसपोर्टर का था इस लिए आगे की कार्रवाई ढाक के तीन पात रह जाती है। इधर इसी वर्ष जनवरी 2023 में अमड़ापाड़ा थाना क्षेत्र के पचुवाड़ा नार्थ कोल ब्लॉक के लोडिंग प्वाइंट से कोयला माफियाओं के द्वारा अवैध रूप से कोयला लोडिंग कर निकलने के मामले में बीजीआर कंपनी के पेट्रोलिंग इंचार्ज मृण्मय मित्रा के लिखित शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर लिया गया था। मामले को लेकर एसडीपीओ नवनीत एंथोनी हेम्ब्रम ने बीजीआर के अन्य कर्मियों व सुरक्षा गार्ड से लम्बी पूछताछ भी की थी। इस मामले को लेकर थाना मंे दर्ज कांड संख्या 05/23 में शामिल जब्त तीनों डंपर के चालक,दो खलासी,दो कंपनी के कर्मी,तीन वाहन मालिक सहित कुल 12 नामजद सहित कुछ अज्ञात को अभियुक्त बनाया गया था। कोयला के अवैध खेल में मौके से कोयला तस्करी में शामिल कुल सात आरोपियों को पुलिस ने जेल भेज दिया था।कोयला लदे जब्त डम्पर संख्या डब्लूबी 65 डी 7181, डब्लूबी 53 सी 5949 एवं डब्लूबी 53 सी 6088 को विशनपुर स्थित बीजीआर कैम्प में ही रखा गया था। जानकारी के अनुसार वाहनों के मालिक के द्वारा चालकों को गोपीकांदर थाना क्षेत्र अंतर्गत गुम्मा मोड़ स्थित एक होटल के समीप रुकने के लिए कहा गया था। जिसके बाद तस्करी में शामिल एक आदमी के साथ गाड़ी में बैठकर कोयला लोडिंग के लिए बीजीआर कोयला डपिंग यार्ड ले जाया गया।जहां कोयला लोडिंग कर कांटा ब्रिज लाइन में नहीं जा कर बगल में बने सड़क पर निकालने का प्रयास किया गया। तीनो कोयला लोड हाइवा को बिना कागजात के कोयला ले जाने के क्रम में उक्त तीनो हाइवा के चालकों से आवश्यक कागजातों की मांग किया गया था। जिसके बाद तस्करी में शामिल एक व्यक्ति फरार हो गया।वहीं वाहनों में सवार चालक कलीम शेख,सय्यद आकाश,पियार खान,दाऊद आलम,एवं मजीद शेख को कर्मियों और सुरक्षा गार्ड के द्वारा पकड़ कर बीजीआर कैम्प में ले जाया गया।जहां उन सभी से पूछताछ किया गया।वहीं गाड़ी में अंकित संख्या के अनुसार गाड़ी मालिक संख्या डब्लूबी 53 सी 5949 के मालिक हफीजुल,गाड़ी संख्या डब्लूबी 65 डी 7181 का मालिक हाकिम पिता अब्दुल,गाड़ी संख्या डब्लूबी 53 सी 6088 का मालिक खिलाफत खान पर भी नामजद एफआईआर दर्ज किया गया था।वहीं सभी चालक और मालिक पश्चिमबंगाल के वीरभूम जिला एवं मुर्शिदाबाद जिला क्षेत्र से ताल्लुक रखते थे।
कई को मिला बेल, जारी है खेल---
सिर्फ इस मामले में नही बल्कि कोयले से जुड़े कई मामलों में कइयों को बेल मिल चुका है।लेकिन पाकुड़ के विभिन्न केंद्रों से ऐसे लोग जो मास्टर माइंड कहे जाते हैं,गोपनीय ढंग से सेटिंग गेटिंग पर हाथ आजमाते हुए अपना हाथ कोयले की कमाई में काला कर रहे हैं।पिछले वर्षों के पाकुड़ के विभिन्न थानों में हुए एफआईआर को खंगाले तो तमाम तरह के मास्टर माइंड और उनके मातहत खिलाड़ियों की चर्चा उन एफआईआर में दिख जाएगी।जिन दिनों कोयला खुदाई और परिवहन बीच के कुछ वर्षों में बंद था उस समय पेनेम कोल माइंस द्वारा भंडारित हजारों मैट्रिक टन कोयले की तस्करी हुई।निश्चित रूप से इसमें सिर्फ तस्कर ही जिम्मेदार नही बल्कि काली अंधेरी स्याह रात में काले कारनामे करने वाले कोयले के काला बाजारी शेर जिम्मेदार पहरेदारों को भी मांस के लोथड़े फेंकते हुए विभिन्न रास्तों से,पश्चिम बंगाल तक की दूरी तय कर लेते थे।कभी-कभी सेटिंग परफेक्ट नही होने के कारण ये पकड़े भी जाते थे।लेकिन कारवाई हमेशा ढाक के तीन पात ही रहा।पीछले गुरुवार को आलू बेड़ा कोयला परिवहन मुख्य पथ पर डीटीओ द्वारा दो कोयला लदे 16 चक्का के डंफरो को जब्त किया गया।डम्फर अमड़ापाड़ा थाने को सुपुर्द कर दिया गया।डीटीओ साहब को बिना कागजात के हाईवा में कोयला लदे होने की सूचना मिली थी।साहब ने डब्लू बी 45/7146,डब्लू बी 45/7159 को जांच के लिए रोका और आवश्यक कागजात की मांग की,पर्याप्त कागजात नही दिखाए जाने के बाद डंफरो को जब्त किया गया।इस संबंध में डीटीओ साहब ने डंफरो के कागजात का सही उपस्थापन न करने को जब्ती का कारण बताया।जबकि कोयले वैध थे या अवैध थे,उनका ट्रांजिट चलान था या नही था,इन सबको अनदेखा किया गया।जबकि इन बातों पर भी ध्यान देना चाहिए था।ऐसे ही कई बार पकड़ाए गए डम्फर और कोयला में कार्रवाइयों में तकनीकी गड़बड़ी के कारण न्यायलय में मामले टिक नही पाते हैं।नतीजन सभी कार्रवाईयां ढाक के तीन पात साबित होती है।कोयले के काले कारनामे और कार्रवाई पर हम अगले क़िस्त में भी बातों को परोसेंगे।लेकिन अगर किसी को लगता है कि कार्रवाईयां सार्थक हुई है तो कुछ ऐसे उदाहरण जरूर हमें उपलब्ध कराएं जिसमें यह देखा जा सके डेढ़ दशक पहले पैनम कोल माइंस के कार्य शुरू होने के बाद पकड़ाए गए सैकड़ो डम्फर हजारों मोटरसाइकिल,और लाखों साईकिल का क्या हुआ? और कितने लोग कोयला चोरी के मामले में दंडित हुए।जबकि अगर चोरी के सबूत देखने हो तो एकबार कोयला ढोने वाले लिंक रोड पर आराम से घूम आने के लिए हम आपको आमंत्रित करते हैं।.