25 Mar 2023
प्रभात मंत्र (वेब डेस्क) : गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय के पब्लिक रिलेशन ऑफिसर (PRO) हितेश पंड्या ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. हितेश ने अपने बेटे अमित पंड्या के ठग किरण पटेल (Kiran patel) संपर्क में होने के आरोप के बाद ये फैसला लिया है. करीब 22 साल तक CMO में रहने के बाद उन्होंने शुक्रवार, 24 मार्च की शाम अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को सौंप दिया. इस दौरान हितेश पंड्या ने 5 अलग-अलग मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया. जिसमें केशुभाई पटेल, नरेंद्र मोदी, आनंदीबेन पटेल, विजय रूपाणी और भूपेंद्र पटेल शामिल हैं.
इस्तीफा देने के बाद हितेश पंड्या ने कहा कि मैं अपने पेंडिंग काम को 31 मार्च तक खत्म कर दूंगा. उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा-
‘मैंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को सौंप दिया है. मुझे किसी ने भी इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा. लेकिन मुझे खुद ही लगा कि इस्तीफा दे देना चाहिए. मैं अपने पेंडिंग काम को 31 मार्च तक समाप्त कर दूंगा और फिर ऑफिस से रिलीव हो जाऊंगा.'
दरअसल जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ठगी के आरोप में बीते 3 मार्च को किरण पटेल (Kiran Patel) को गिरफ्तार किया था. अमित और जय सीतापारा नामक व्यक्ति को भी किरण पटेल के साथ गिरफ्तार किया गया था. जिनसे इस मामले में पूछताछ की जा रही है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक हितेश पंड्या ने बताया कि अमित का CCTV नेटवर्किंग से जुड़ा बिज़नेस है. वो कश्मीर में अपना बिज़नेस बढ़ाना चाहता था. जिसमें किरण पटेल उसकी मदद कर रहा था. अमित पंड्या गुजरात बीजेपी की सोशल मीडिया विंग से भी जुड़ा हुआ है. इस्तीफा देने से पहले हितेश पंड्या ने अपने बेटे के किरण पटेल के साथ कमर्शियल रिलेशन को स्वीकार किया. साथ ही उन्होंने बताया कि उनके 43 वर्षीय बेटे ने इस महीने किरण पटेल के साथ कमर्शियल उद्देश्य से जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था. ये सब उनकी सहमति से हुआ था. हालांकि हितेश पंड्या ने अपने बेटे को निर्दोष बताया. उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा,
‘मेरा बेटा कश्मीर में है. और मैं पहले दिन से कह रहा हूं कि उसे जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा एक गवाह के तौर पर बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था.’
इसके अलावा पंड्या ने किरण पटेल के CMO से किसी भी तरह के संबंध होने की जानकारी से इनकार किया. हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि साल 2011 में, पटेल उनके द्वारा बनाई गई एक निजी संस्था नेशन फर्स्ट फाउंडेशन (NFF) से जुड़े थे. लेकिन बाद में उन्होंने किरण को इस संस्था से निकाल दिया था. उन्होंने कहा,
‘मेरा बेटा और किरण 2004 में एक प्रचार कंपनी में काम कर रहे थे. और मैं उन्हें अमित के दोस्त के रूप में जानता था. लेकिन साल 2011 में ही मुझे एहसास हुआ कि किरण साथ काम करने वाला नहीं था. इसलिए, मैंने उन्हें और उनके साथ के सभी लोगों को NFF से रिलीव कर दिया. मुझे उनका व्यवहार और बिलिंग उचित नहीं लगा था.’
#क्यों गिरफ्तार हुआ किरण पटेल?
दरअसल किरण पटेल खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का बड़ा अधिकारी बताता था. फर्जी PMO अधिकारी बनकर किरण पटेल जम्मू-कश्मीर गया. वहां उसने जेड प्लस सिक्योरिटी ली और जम्मू-कश्मीर के शीर्ष अधिकारियों के साथ कई मीटिंग भी कर डालीं. इस दौरान उसने LOC का भी दौरा किया था, जो बेहद संवेदनशील है.