Wednesday, July 3, 2024

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झारखण्ड : नियुक्ति परीक्षाओं के लिए बदली भाषाएं, भोजपुरी बाहर, संस्कृत अंदर!

12 Mar 2023


प्रभात मंत्र (वेब डेस्क) : झारखंड सरकार ने मैट्रिक से लेकर स्नातक स्तरीय नियुक्ति परीक्षा नियमावली में संशोधन किया है। कैबिनेट के निर्णय के बाद श्रमिक विभाग ने संशोधित नियमावली अधिसूचित कर दी है। जारी नियमावली में राज्य और जिला स्तर पर मैट्रिक से लेकर स्नातक स्तरीय परीक्षाओं के लिए कुल 15 भाषाओं को सूचीबद्ध किया गया है। इनमें अंग्रेजी,हिंदी और संस्कृत को नई भाषा के रूप में शामिल किया गया है। इसके साथ ही भोजपुरी, मगही,अंगिका असूल,बिरहोर समेत 7 भाषाओं को बाहर कर दिया गया है। नियुक्ति परीक्षाओं के लिए अब जिला से लेकर राज्य तक सूचीबद्ध 15 भाषाओं की परीक्षा होगी।

बता दें कि पूर्व में राज्य स्तरीय पदों के लिए होने वाली परीक्षाओं में 12 भाषाओं को सूचीबद्ध किया गया था। वहीं जिला स्तरीय नियुक्ति परीक्षा के लिए अलग से जिलावार 22 भाषाओं को सूचीबद्ध किया गया था। सभी जिलों के लिए अलग-अलग क्षेत्रीय व जनजातीय भाषाओं की सूची थी। लेकिन अब राज्य व जिला स्तरीय दोनों ही तरह के परीक्षाओं के लिए 15 भाषा राज्य के सभी 24 जिलों में मान्य होगी। इन भाषाओं की परीक्षा 100 अंकों की होगी। विद्यार्थी अपने अनुसार क्षेत्रीय भाषा का चयन कर सकेंगे। परीक्षा में सभी प्रश्न बहुविकल्पीय होगी।

राज्य सरकार की संशोधित नियोजन नीति में शामिल नहीं की गई इन भाषाओं की पढ़ाई झारखंड के स्कूलों में नहीं होती है। भोजपुरी, मगही,अंगिका असूल,बिरजिया, माल्तो,बिरहोर विषय की पढ़ाई का प्रावधान राज्य में नहीं है।

अधिसूचित की गई नई नियोजन नियमावली के मुताबिक अब अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी के लिए झारखंड के मैट्रिक व इंटर पास होने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। साथ ही अभ्यर्थियों को स्थानीय रीति रिवाज भाषा परिवेश का ज्ञान होने की अनिवार्यता भी खत्म कर दी गई है। उनके लिए अभ्यर्थी को केवल निर्धारित योग्यता का होना अनिवार्य किया गया है। संशोधित नियमावली के मुताबिक राज्य के सभी जिलों में चिन्हित 15 भाषाओं में से किसी भी एक क्षेत्रीय और जनजातीय भाषा का चयन परीक्षार्थी कर सकेंगे।