17 Feb 2023
प्रभात मंत्र : हाल ही में कानपुर देहात में अतिक्रमण हटाने के दौरान लगी आग में मां-बेटी की जलकर मौत हुई थी. घटना को लेकर यूपी सरकार विपक्ष के निशाने पर है. सरकार के कई पदाधिकारियों पर केस दर्ज हुआ है. अब बीजेपी के पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी का एक बयान पार्टी और सरकार के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर सकता है. उन्होंने कहा है कि मामले में ‘निर्दोष’ लोगों पर केस दर्ज हुआ है और औरतों के अंदर ‘आग लगाने की टेंडेंसी’ होती ही है.
दैनिक भास्कर के साथ बातचीत में पूर्व सांसद ने कहा, औरतों के अंदर आग लगाने की टेंडेंसी होती है. वो आग जल्दी लगाने के लिए उत्सुक हो जाती हैं. तो उसका भी कोई मरने का इरादा नहीं था. वो चाहती थी कि ये हम करेंगे तो ये लोग भाग जाएंगे.
बीजेपी के पूर्व सांसद ने आगे कहा, इस तरह की घटनाएं आगे भी होंगी. कोई गैरकानूनी काम होता है और उसमें अगर कोई मर जाता है तो क्या कानून-प्रशासन को इतना नर्वस कर देना चाहिए कि वो सही फैसला ना ले पाए. जो गलत काम कर रहा है उसको मनाने में लग जाए. फिर FIR कर के भोले-भाले ड्यूटी करने वाले लोगों को आप जेल भेज दो. फिर उन्हें पैसे भी दो और वो पार्टी को गाली भी दें.
वहीं आजतक के मुताबिक, अनिल वारसी का कहना है कि इस मामले में सरासर गलती उस परिवार की थी जिसकी बेटी और बहन की मौत हुई. वारसी ने पीड़ित परिवार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने वहां अवैध कब्जा कर रखा था, वो गलत काम करते थे और फिर उन्होंने सुसाइड कर लिया.
बता दें, अनिल शुक्ल वारसी पूर्व सांसद हैं. उन्होंने 2007 में बसपा के टिकट पर बिल्हौर से लोकसभा उपचुनाव जीता था. 2014 में भी बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन हार गए. अनिल शुक्ला वारसी की पत्नी प्रतिभा शुक्ल योगी सरकार में महिला कल्याण मंत्री हैं.
कर्टिसी : ललनटॉप