Wednesday, July 3, 2024

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अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष बने ज्ञान शंकर

08 Jan 2023


रांची : झारखंड की राजधानी रांची में अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन का आयोजन बड़े ही धूमधाम के साथ किया गया। इस अवसर पर झारखंड राज्य के प्रसिद्ध व्यवसायी व समाजसेवी ज्ञान शंकर को प्रदेश अध्यक्ष का ताज पहनाया गया। संजय चौधरी दोबारा प्रदेश महामंत्री बनाए गए। इस अवसर पर सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद डॉ. गिरीश कुमार संघी और विशिष्ट अतिथि के रूप में उमेश अग्रवाल मुख्य रूप से उपस्थित थे। मंच पर मेदिनीनगर नगर निगम की महापौर अरुणा शंकर मुख्य रूप से उपस्थित थी। कार्यक्रम में पूरे झारखंड राज्य के वैश्य समाज के लोग उपस्थित थे। इन सभी की उपस्थिति में जैसे ही प्रदेश अध्यक्ष के रूप में राष्ट्रीय अध्यक्ष संघी ने ज्ञान शंकर के नाम का ऐलान किया, हॉल में उपस्थित सभी लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उनका स्वागत किया। इस अवसर पर ज्ञान शंकर के स्वागत में पुष्प वर्षा भी की गई। कार्यक्रम की शुरुआत अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष बलराम साहू के स्वागत से किया गया। कार्यक्रम में सभी आगत अतिथियों को गुलदस्ता देकर और शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।

नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष ज्ञान शंकर के नेतृत्व में ऊंचाइयों को प्राप्त करेगा झारखंड का वैश्य समाज : संघी

राष्ट्रीय अध्यक्ष संघी ने कहा कि नए प्रदेश अध्यक्ष ज्ञान शंकर के नेतृत्व में वैश्य समाज संगठन की ऊंचाइयों को प्राप्त करेगा। ज्ञान शंकर में ऊर्जा काफी है। और इनके मन और मस्तिष्क में वैश्य समाज के लिए बहुत सारी योजनाएं हैं। इन सभी योजनाओं को पूरे धरातल पर उतारने की हर हाल में वे कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि समाज को एकजुट करने और मजबूत बनाने की दिशा में ज्ञान शंकर का प्रयास झारखंड राज्य में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि आज वैश्य समाज बिखरा हुआ है। इस इस बिखरे हुए समाज को ज्ञान शंकर के नेतृत्व में एकजुट करने का सफल प्रयास किया जाएगा।


हमारा सिर्फ एक ही नारा, वैश्य राज्य के रूप में झारखंड की पहचान दिलाना : ज्ञान शंकर

नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष ज्ञान शंकर ने कहा कि वैश्य महासम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गिरीश शंकर संघी और महासचिव उमेश अग्रवाल के द्वारा मुझे जो दायित्व सौंपा गया है, उसका निर्वहन करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। कहा कि हम पिछड़े हुए हैं इसीलिए बिछड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि वैश्य समाज को राजनीति में कल और पुर्जा समझा जाता है। इस समाज का इस्तेमाल आज की राजनीति में भरपूर किया जा रहा है। उन्होंने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि राजनीति और समाज में वैश्य समाज बीज बोता है और दूसरा कोई फसल काट लेता है। उन्होंने कहा कि समाज को एकजुट करने में वे कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष ने अपने उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम लोग यानी हमारा समाज मिले, बैठे और विचार करे कि समाज को एक सूत्र में कैसे बांधना है। इसके बाद ही समाज को संगठित करने की दिशा में बल मिलेगा। ज्ञान शंकर ने कहा कि हमारा एक ही नारा है,बैश्य राज्य के रूप में झारखंड की पहचान दिलाना है। उन्होंने अपने भावी कार्यक्रमों के बारे में कहा कि संगठन को गति देने के लिए राज्य के सभी 24 जिलों का दौरा करेंगे। इस दौरान संगठन में पुराने और ऊर्जावान लोगों को मिलाकर एक सशक्त टीम बनाएंगे। तभी जाकर वैश्य समाज को एकजुट किया जा सकता है। उन्होंने अपने दूसरे उद्देश्य के बारे में कहा कि राज्य की राजधानी रांची में वैश्य समाज का एक भव्य कार्यालय बनाया जाएगा। इस कार्य को 3 माह के अंदर पूरा करने की योजना उनके दिल में है। ज्ञान शंकर ने जैसे ही राजधानी में कार्यालय बनाने की बात कही, राष्ट्रीय अध्यक्ष गिरीश संघी ने ऐलान किया कि उनके तरफ से 10 लाख रुपए की मदद दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अभी वैश्य समाज का अस्थाई कार्यालय करमटोली चौक स्थित टोयोटो के शोरूम में चलेगा। ज्ञान शंकर ने कहा कि नाम के अनुरूप बैश्य सम्मेलन का आयोजन होगा। यह आयोजन ऐसा होगा कि उससे बैश्य महाकुंभ के नाम से जाना जाएगा। साथ ही इस एकता की मिसाल पूरे देश में जाएगा।