08 Jan 2023
जमशेदपुर, प्रभात मंत्र डेस्क :
टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क (चिड़ियाघर) अब नये रूप में दिखेगा। इसका आधिकारिक उद्घाटन 7 जनवरी को किया गया, लेकिन आम लोगों के लिए चिड़िया घर 26 जनवरी से खुलेगा। चिड़ियाघर का न केवल प्रवेश द्वार बदल गया है बल्कि जू के अंदर की डिजाइन भी पूरी तरह से बदल गई है। अब जानवरों को देखने के लिए लोगों को इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा. बल्कि जानवरों को इस तरह से रखा गया है कि एक तरह के जानवरों का बसेरा एक जगह हो। पूरे जू के जानवरों को थीम के आधार पर बांटा गया है। चिड़ियाघर का प्रवेश द्वार अब मेरीन ड्राइव की ओर से होगा। एक्सएलआरआई के दूसरे इंट्री गेट के बगल में जू का नया प्रवेश द्वार है।
शनिवार को टाटा स्टील के एमडी व सीईओ टी वी नरेन्द्रन ने शहरवासियों को पुनर्निर्मित टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि जूलोजिकल गार्डेन, जैव विविधता के संरक्षण के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता को दोहराता है।
श्री नरेन्द्रन ने कहा कि बच्चों के लिए चिड़ियाघर हमेशा एक्साइटमेंट की जगह रहा है। जब हम भी बच्चे थे, तो जू हमारे लिए सबसे रोमांचकारी जगह हुआ करती था। लेकिन आज जू को केवल जानवरों के आश्रयस्थलि के रूप में ही नहीं देखना होगा। जू, जैव विविधता का एक महत्वपूर्ण केन्द्र हैं, जिसके बारे में विद्यार्थियों को बताना और जागरूक करना होगा।
एमडी ने जानवरों से प्रेम करने को कहा. शार्क की मिसाल दी और कहा कि हर साल दुनिया में 70 मिलियन शार्क को इंसान मार देता है, लेकिन शार्क कुछेक इंसान को मारता है, वह भी भोजन और सेल्फ डिफेंस के लिए. जबकि इंसान जानवरों को फन के लिए मारता है. आज हमें जानवरों को भी संरक्षित करने की जरूरत है. इसे लेकर टाटा स्टील जूलॉजिकल गार्डेन प्रतिबद्ध है. नव निर्मित चिड़ियाघर में हमने एजुकेशन पर विशेष ध्यान दिया है ताकि फ्यूचर जेनरेशन को जैव विविधता के महत्व के बारे में बताया जा सके. उन्होंने शहरवासियों से भी इसमें सक्रिय भूमिका निभाने की बात कही.
नरेन्द्रन ने कहा कि टाटा स्टील, जूलॉजिकल पार्क क्षेत्र के वन्यजीवों और जैव विविधता के संरक्षण की आवश्यकता पर लोगों की जागरूकता बढ़ाने में सबसे आगे रहा है, जिसमें विद्यार्थियों के लिए नेचर कैंप सहित साल भर विभिन्न शैक्षिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।
आज जैव विविधता, दुनिया भर में सबसे जरूरी और त्वरित स्थिरता चुनौतियों में से एक है, जिसका हम सामना कर रहे हैं. इन चुनौतियों के बारे में नागरिकों को जागरूक करना और समाधान खोजने में उन्हें शामिल करना महत्वपूर्ण है. एमडी ने बताया कि सीजेडए ने जुलाई 2020 में जूलॉजिकल पार्क की नई लेआउट योजना को मंजूरी दी थी. कोविड के चलते इसके कार्यान्वयन की योजना में देरी हुई. यह काम वर्ष 2025 तक पूरा होगा.
टाटा स्टील के वीपी कारपोरेट सर्विसेस चाणक्य चौधरी ने बताया कि नये चिड़ियाघर को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि भ्रमण करने वालों का अनुभव बेहतर हो। इसके लिए हमने गार्डेन में एजुकेशन सेंटर के साथ ही पार्किंग एरिया, ऑडियो विजुअल रूम, रेस्ट रूम, फाउंडेशन पार्क, वेटनरी हॉस्पिटल, ब्रिडिंग सेंटर को बनाया है। आने वाले दिनों में इसमें और नये जानवरों को लाया जाएगा. फिलहाल 400 से ज्यादा जानवर हैं।
नव निर्मित चिड़ियाघर का क्षेत्र 46 एकड़ से बढ़कर 65 एकड़ हो गया है। चिड़ियाघर के निदेशक विपुल चक्रवर्ती ने बताया कि फिलहाल इंट्री फीस में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। सुविधाएं बढ़ने के साथ इसमें बढ़ोतरी की जाएगी। उन्होंने बताया कि टाटा जू, केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए) द्वारा मान्यता प्राप्त ‘मध्यम’ श्रेणी का चिड़ियाघर है। सीजेडए समय-समय पर चिड़ियाघरों का मूल्यांकन करता है और उनके सुधार के लिए शर्तों को निर्धारित करता है।
एंट्रेंस प्लाजा के खुलने से दर्शकों को चिड़ियाघर में आने के लिए अलग मार्ग और अपने चार और दोपहिया वाहनों को पार्क करने की सुविधा के साथ सुरक्षित निकासी की सुविधा भी मिलेगी. साथ ही चार्जिंग स्टेशनों के साथ स्मारिका ई-कार्ट, दुकान, कर्मचारियों के लिए चेंज एवं रेस्ट रूम, एवी रूम, ई-टिकटिंग सुविधा, सीसीटीवी सर्विलांस आदि होंगे. एक सुंदर फाउंटेन पार्क और शाकाहारी प्रदर्शनी भी स्थापित की गई है।
टाटा स्टील लिमिटेड ने 1992 में सिंहभूम परिदृश्य में वनों और वन्य जीवन के संरक्षण की आवश्यकता पर लोगों की जागरूकता बढ़ाने के प्रयास के रूप में जमशेदपुर में एक चिड़ियाघर के निर्माण की अवधारणा की थी. चिड़ियाघर में औसतन एक वर्ष में 4 लाख से अधिक विजिटर्स आते हैं और यह जमशेदपुर के प्रमुख आकर्षणों में से एक है।
टाटा स्टील जूलॉजिकल सोसाइटी ने पार्क के मास्टर लेआउट प्लान को फिर से तैयार करने में मदद करने के लिए टाटा स्टील यूटिलिटीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज लिमिटेड (टीएसयूआईएसएल) को नियुक्त किया। नई योजना के व्यापक सिद्धांत के रूप में विषयगत क्षेत्रों में जानवरों के टैक्सोनोमिक प्रदर्शन को चुना गया था.
इसके आधार पर लेआउट बनाया गया, जो इस प्रकार हैं.
1) रेप्टाइल जोन- घड़ियाल, मगरमच्छ, गैर-जहरीले सांप और कछुएं 2) भालू और रहनुमा क्षेत्र – भालू के साथ ही ग्रे लंगूर, बोनट मकाक, रीसस मकाक और मैनड्रिल्स 3) द बर्ड्स एंड बटरफ्लाई जोन- एक जलीय पक्षी एवियरी और बटरफ्लाई हाउस सहित उड़ने और जमीनी पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों को प्रदर्शित करने के लिए यह क्षेत्र 4) मांसाहारी क्षेत्र- शेर, बाघ, तेंदुआ और लकड़बग्घे जैसे जानवर 5) द हर्बिवोरस ज़ोन- ज़ेब्रा के साथ हॉग हिरण, सांभर, चित्तीदार हिरण, ब्लैकबक, नीलगाय और भौंकने वाला हिरण 6) नेचर इंटरप्रिटेशन जोन- नागरिक विज्ञान गतिविधियों के लिए एम्फीथिएटर के साथ, पुस्तकालय और संग्रहालय और बर्डर्स के लिए प्रकृति ट्रेल्स 7) अस्पताल परिसर- एक्स-रे जैसे आधुनिक नैदानिक उपकरणों को समायोजित करने के लिए. साथ ही अल्ट्रासाउंड, पैथोलॉजिकल और पशु पोषण प्रयोगशाला, चिड़ियाघर आयुक्त, सर्जिकल रूम, पक्षियों और वानरों के लिए रोगी वार्ड, मांसाहारी और शाकाहारी पोस्टमार्टम कक्ष और भस्मक. साथ ही नए आने वाले जानवरों को चिड़ियाघर में समायोजित करने के लिए संगरोध क्षेत्र।