18 Oct 2022
केरसई : जिले के कई प्रखण्डों के अंतर्गत आने वाले पंचायतों एवं ग्रामों के आसपास के नदी वाले क्षेत्रों में आज भी कई लोग खुले में शौच कर रहे हैं। इसका प्रमुख कारण समाज के प्रति लोगों की सामाजिक एवं संवैधानिक कर्त्तव्यों की गैर जिम्मेदारियां, लोगों में पर्यावरण के प्रति स्वच्छता की कमी, ऐसा करने वालों पर उचित कार्रवाई न होना आदि है। कुछ दिनों पश्चात छठ महापर्व है, जो कि बड़ी ही आस्था के साथ केरसई सहित समस्त सिमडेगा जिला में धूमधाम से मनाया जाता है। ऐसी स्थिति में नदी घाटों की स्वच्छता दयनीय बनी हुई है। पूरे देश भर में स्वच्छ भारत मिशन व्यापक रूप से चलाया गया था। जिसमें सभी नागरिकों ने खुले में शौच के खिलाफ संघर्षशील मुहिम छेड़ी थी, जिसका लोहा पूरी दुनिया ने माना था, लेकिन इसका असर ग्रामीण इलाकों में धुंधला होता प्रतीत हो रहा है। समस्त जिलें एवं छोटे इलाकों में भी छठ पर्व को महापर्व के रूप में देखा जाता है, लेकिन छठ नदी घाटों में फैली अपार गंदगियां छठ व्रतियों की आस्था को पीड़ा पहुंचा रही है। इस विषय की गंभीरता को उजागर करने के लिए केरसई पंचायत क्षेत्र की छठ व्रतियों का समूह केरसई पंचायत के युवा सामाजिक कार्यकर्ता मनीष कुमार से संपर्क किया तथा नदी घाटों में फैल रही गंदगियों की वस्तु स्थिति की जानकारी दी। युवा कार्यकर्ता ने अपने बंधु कार्यकर्ताओं के साथ छठ व्रतियों की बातों को सुनकर अविलंब सभी छठ घाटों का प्रत्यक्ष रूप से अवलोकन किया। जिसमें छठ व्रतियों द्वारा बताए गए तथ्यों की प्रामाणिकता सिद्ध हुई। इस दौरान छठ व्रतियों के समूह को भरोसा दिलाया गया की इस विषय को लेकर वे स्थानीय पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, समाज के वरिष्ट गणमान्य एवं आम जनमानस से संपर्क स्थापित करने का प्रयास करेंगे। गौरतलब है कि लगभग सभी के घरों में शौचालय का निर्माण हुआ है, लेकिन कहीं न कहीं कई लोग प्रारंभिक अवस्था से ही बाहर शौच करने के आदी हो चुके हैं। जिसका बुरा असर प्रत्यक्ष रूप से समाज पर पड़ रहा है। आम जनमानस से अपील की जाती है कि वह समाज के प्रति अपने नैतिक मूल्यों का निर्वहन करते हुए खुलें में शौच करने का परित्याग करें एवं पर्यावरण को स्वच्छ बनाने में अपनी सहभागिता का परिचय दे।